चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार को मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से उस समय तगड़ा झटका मिला जब कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल और उपाध्यक्ष सुमन दहिया को उनके पद से हटाने के सरकार के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कोर्ट ने दोनों को पुनः उनके पद पर नियुक्ति करवाने के निर्देश भी सरकार को दिया है। बहरहाल कोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों ही महिला अधिकारियो ने राहत भरी सांस ली है।
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने कुछ माह पहले दोनों की नियुक्तियों को नियमों के विपरीत बता कर उन्हें पद से हटा दिया था । जिसके विरुद्ध दोनों ही अधिकारियो ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ रुख किया था । सरकार के फैसले को चुनोती देने संबंधी याचिका में दोनों याचिकाकर्ताओं का कहना था कि राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष संवैधानिक पद हैं। इसके बावजूद सरकार ने दोनों को सवा साल के कार्यकाल के बाद ही हटा दिया गया है, जबकि उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी। पिछली हुड्डा सरकार में 23 मई 2014 को कमलेश पांचाल को महिला आयोग का अध्यक्ष और सुमन दहिया को उपाध्यक्ष बनाया गया था।
इसके इलावा याचिकाकर्ताओं का कहना था कि महिला आयोग में उनके इलावा चार ओर सदस्य भी हैं, लेकिन उन्हें मनोहर सरकार ने नहीं हटाया है। प्रदेश सरकार आयोग को भंग कर किसी तरह के विवाद में नहीं पडऩा चाहती थी। लिहाजा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की नियुक्तियों को नियमों के विपरीत बताते हुए उन्हें चलता कर दिया गया।
हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेसी विधायक कुलदीप शर्मा ने कोर्ट के फैसले को न्याय सांगत बताते हुए सरकार पर तंज कस है । कुलदीप शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार प्रदेश में बदले की भावना से कार्य कर रही है लेकिन कोर्ट के इस फैसले ने सरकार को ओंधे मुह गिराने का कार्य किया है ।