अंबाला समेत प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात- शैलजा
सरकार ने समय रहते हुए इंतजाम किए होते तो नहीं बिगड़ते हालात- शैलजा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के तमाम दावों की पोल मानसून ने खोल कर रख दी है। अंबाला समेत प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा-जजपा सरकार का विकास सड़कों पर तैरता हुआ नजर आ रहा है। यदि सरकार ने समय रहते हुए इंतजाम किए होते तो आज प्रदेश में हालात नहीं बिगड़ते। मानसून से पहले न तो बरसाती नदियों की ही सफाई की गई और न ही नालों की गाद निकालने की ओर कोई ध्यान दिया गया। प्रदेश सरकार के नकारापन के कारण हजारों लोगों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों का सामान खराब हो गया है, जिसकी भरपाई गठबंधन सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से राहत के लिए प्रभावी कदम उठाए।
यहां जारी बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि घग्गर नदी के आसपास अवैध खनन होता रहा, लेकिन कभी भी इसे रोकने को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नजर नहीं आई। घग्गर, टांगरी, बेगना, मारकंडा नदी को बरसाती नदी माना जाता है। आमतौर पर ये सालभर सूखी ही रहती हैं फिर इनमें नाममात्र ही पानी रहता है। इसकी वजह से इन नदियों में कीकर व दूसरे पेड़ खड़े होते चले गए। जब पहाड़ों में बारिश हुई और अचानक से पानी आया तो इन पेड़ों ने अवरोधक का काम करना शुरू कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बरसाती नदियों की साल भर सफाई न होने से इनमें पानी का मार्ग अवरूद्ध हो गया। इससे प्रेशर से पानी आते ही ये ओवरफ्लो होने लगी। पानी गांवों, शहरों व बस्तियों में घुसने लगा। अंबाला कैंट में घग्गर नदी जो तबाही मचा रही है, वह किसी से भी छिपी नहीं है। जब बारिश की चेतावनी थी तो निचले इलाके के लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर न पहुंचाना प्रदेश सरकार का ही फेल्योर है।
कुमारी शैलजा ने कहा कि पंचकूला, अंबाला शहर, अंबाला कैंट, यमुनानगर और करनाल में यमुना नदी के किनारे मौजूद गांवों में जो हालात बिगड़े हैं, उन्हें समय रहते बिगड़ने से रोका जा सकता था। लेकिन, प्रदेश के लोगों की किसी ने कोई परवाह ही नहीं की। इससे पहले गुड़गांव, फरीदाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत, रोहतक में बरसात के कारण जलभराव की लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। फिर भी कोई ठोस समाधान गठबंधन सरकार ने नहीं किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 में सत्ता हासिल करने के बाद से नालों व सीवरेज की सफाई पर हजारों करोड़ रुपये कब और कहां-कहां खर्च किए गए, इस पर गठबंधन सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। क्योंकि, यह राशि सिर्फ फाइलों में ही खर्च दिखाते हुए डकार ली गई। अगर यह सही से खर्च की जाती तो फिर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात पैदा न होते।