इस्लामाबाद. बार-बार जंग की गीदड़भभकी देने वाले कंगाल पाकिस्तान की हालत और खराब हो गई है और वह बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. पाक में आवाम न केवल दाने-दाने को मोहताज बल्कि भारत से जंग लड़कर कई बार मुंह की खा चुकी पाकिस्तान आर्मी की भी हालत खराब हो गई है.
उसके हथियारों और टैंकों में में अब जंग लगने लगे हैं, क्योंकि उसके पास युद्धाभ्या के लिए तेल ही नहीं है. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना ने ईंधन की कमी के चलते इस साल दिसंबर तक सभी सैन्य अभ्यास रद्द कर दिए हैं.
सूत्रों के हवाले से यूरेशियन टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ट्रेनिंग ने सभी फील्ड फॉर्मेशन और हेडक्वार्ट्स को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में दिसंबर तक भी युद्ध अभ्यास को रद्द करने को कहा है. पत्र में इस फैसले को लेकर जो पहली वजह बताई गई है कि रिजर्व फ्यूल और जरूरी साजो-सामान की कमी है. सैन्य दृष्टि से रिजर्व फ्यूल, वॉर रिजर्व से अलग होता है. वॉर रिजर्व विशिष्ट अवधि के दौरान आवश्यक हथियार और ईंधन के लिए होते हैं. जबकि रिजर्व फ्यूल आमतौर पर सैन्य अभ्यास के लिए होते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि एक पाकिस्तानी टी-80 टैंक हर एक किलोमीटर पर दो लीटर तेल की खपत करता है. इसके चलते ही पाकिस्तान ने सभी बख्तरबंद और मशीनाइज्ड वॉर एक्सरसाइड को रद्द कर दिया है. बता दें कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर भी आ गया है और उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी कर्ज मिल गया है. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां कम नहीं हो रही हैं.
पाकिस्तानी सेना में 560,000 सक्रिय सैनिक हैं. इसमें कुल आठ कोर (लगभग 20-30 हजार सैनिकों से बनी) हैं, इसके अलावा एसएसजी (विशेष सेवा समूह) जैसे अन्य सहायक डिवीजन हैं, जिनमें विशेष बलों के कमांडो शामिल हैं. पाकिस्तानी सेना के पास कई सैन्य ट्रक, छोटे वाहन, टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहन हैं, जिन्हें सालाना भारी मात्रा में ईंधन और ल्यूब्रीकेंट्स की आवश्यकता होती है.