Happy Birthday MS Dhoni: दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शामिल महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले एमएस दुनिया के इकलौते कप्तान हैं। धोनी ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान मैदान पर कुछ ऐसे फैसले लिए जिसने भारतीय क्रिकेट की कहानी ही बदलकर रख दी।
जोगिंदर शर्मा का आखिरी ओवर: साल 2007 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया गया था। पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे और ऐसे में धोनी ने जोगिंदर शर्मा पर भरोसा जताया। मिस्बाह उल हक क्रीज पर जमे हुए थे और जोगिंदर शर्मा के पास प्रेशर सिचुएशन में गेंदबाजी का अनुभव नहीं था, ऐसे में धोनी के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया था। लेकिन धोनी का यह फैसला सही साबित हुआ और भारत ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया।
चैंपियंस ट्रॉफी में चमके ईशांत शर्मा: साल 2013 के दौरान चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को 18 में से 28 रन की जरूरत थी। ईशांत शर्मा के लिए यह मुकाबला तब तक अच्छा नहीं गुजरा था। लेकिन धोनी ने ईशांत को गेंद सौंप दी। ईशांत ने सेट बल्लेबाज रवि बोपारा का विकेट लेकर भारत की वापसी मैच में करा दी और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी अपने नाम किया।
2011 वर्ल्ड कप में खुद को किया प्रमोट: श्रीलंका के खिलाफ 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी ने खुद को प्रमोट करते हुए बल्लेबाजी के लिए ऊपर भेजा था। युवराज सिंह उस वर्ल्ड कप में शानदार फॉर्म में थे। लेकिन धोनी ने चौथे नंबर पर अपने आपको मैदान में उतारने का काम किया। धोनी का यह फैसला सही साबित हुआ और उन्होंने छक्का लगाकर टीम को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिला दी। लॉर्ड्स में मिली जीत: भारतीय टीम को साल 2014 के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में जीत मिली थी। इंग्लैंड को 140 रनों की जरूरत थी और उसके पास छह विकेट शेष थे। इसके बाद धोनी ने ईशांत को शॉर्ट-पिच गेंदों से हमला करने के लिए कहा। धोनी का यह प्लान कामयाब हुआ और ईशांत ने अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (7/74) करते हुए भारत को जीत दिला दी।
पोलार्ड को किया हैरान: धोनी मैदान पर काफी चतुराई के साथ अपने फैसले लेते रहे हैं। साल 2010 के आईपीएल फाइनल में कीरोन पोलार्ड 9 गेंदों पर 27 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे। मुंबई को 7 गेंद में 27 रन बनाने थे। लेकिन बाउंड्री के ठीक सामने धोनी ने पोलार्ड के लिए फिल्डर को लगाने का काम किया और पोलार्ड अपना कैच देकर वापस पवेलियन लौट गए।