वृंदावन हिंदू आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है. यह स्थान कृष्ण की लीलाओं के साथ साथ यहां के मंदिरों के लिए भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. हर मंदिर के साथ कोई न कोई लीला जरूर जुड़ी है. ऐसा ही एक मंदिर वृंदावन में स्थित लुटेरिया हनुमान मंदिर. जिन्हें वृंदावन का पहरेदार भी कहा जाता है.
लुटेरिया हनुमान मंदिर वृंदावन मथुरा रोड पर पागल बाबा मंदिर के पास स्थित है. मंदिर सेवायत ब्रज गोपाल ने बताया की जब श्री चैतन्य महाप्रभु सन् 1515 में वृंदावन पहली बार आए थे. तो वह इस स्थान से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. तब उन्हें आभास हुआ की कोई शक्ति यहां मौजूद है. जो उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही. तब उनके शिष्यों ने जब इस स्थान पर खुदाई की तो उन्हें हनुमान जी का मन्दिर मिला और उन्होंने हनुमान जी की पूजा कर उन्हें इसी स्थान पर स्थापित किया.
क्यों कहां जाता है इन्हें लुटेरिया हनुमान
प्राचीन समय में यह स्थान एक घने जंगल जैसा था. जिसकी वजह से इस स्थान को चोरों ने अपना अड्डा बना लिया और आने जाने वाले यात्रियों से लूट करने लगे और लूट करने के बाद चोरी का एक हिस्सा वह हनुमान जी को चढ़ाया करते थे. जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम लुटेरिया हनुमान पड़ गया.