Donald Trump Threatens BRICS Nations: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव में संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में नई मुद्रा अपनाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा कि हमें इन शत्रुतापूर्ण देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई BRICS मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा को बढ़ावा देंगे। अन्यथा, वे 100% टैरिफ झेलने के लिए तैयार रहें और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में व्यापार करने का सपना भूल जाएं।
क्या है मामला? BRICS पर क्यों भड़के ट्रंप?
BRICS संगठन, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और UAE शामिल हैं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह एक नई मुद्रा लाने पर चर्चा कर रहा है।
BRICS का यह कदम अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की रणनीति का हिस्सा है।
इस बदलाव से अमेरिका की वैश्विक वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे ट्रंप नाराज हैं।
ट्रंप पहले भी BRICS देशों को डॉलर के खिलाफ जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे चुके हैं।
भारत का क्या रुख है?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भारत अमेरिकी डॉलर से दूर जाने की कोशिश नहीं कर रहा।
भारत का लक्ष्य केवल व्यापार को सुगम बनाना है, न कि अमेरिकी डॉलर को चुनौती देना।
BRICS में नई मुद्रा को लेकर कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है।
भारत की प्राथमिकता ‘स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देना’ है, ताकि व्यापारिक खर्च कम किया जा सके।
कनाडा-मैक्सिको पर भी टैरिफ, चीन पर सख्ती!
ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। हालांकि, इन देशों से तेल आयात पर टैरिफ लगाने का फैसला अभी नहीं लिया गया। ट्रंप ने कहा कि हमारे पास अपनी जरूरत का सारा तेल है, हमें किसी और पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। उन्होंने चीन पर भी फेंटेनाइल ड्रग बनाने वाले रसायनों के निर्यात पर नए टैक्स लगाने की बात कही।
अमेरिकी डॉलर का दबदबा क्यों खतरे में है?
वैश्विक व्यापार में 90% से अधिक लेन-देन अमेरिकी डॉलर में होते हैं।
जापानी येन, यूरो और ब्रिटिश पाउंड भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अमेरिका ने उनके उपयोग का कभी विरोध नहीं किया।
BRICS का उद्देश्य डॉलर पर निर्भरता कम करना और व्यापार को अधिक स्वतंत्र बनाना है।
अगर BRICS सफल होता है, तो यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दे सकता है। यही कारण है कि ट्रंप लगातार BRICS पर दबाव बना रहे हैं।