नई दिल्ली: हाथरस में गैंगरेप पीड़ित की मौत के बाद से राजनीति जारी है। शुरूआत में यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था, लेकिन मामला बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस केस के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की। जिसको केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। साथ ही ये केस अब सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम FIR दर्ज करने के बाद अगले एक-दो दिन में हाथरस में पीड़ित के गांव जा सकती है। इस दौरान एसआईटी ने जो सबूत जुटाए हैं, वो भी सीबीआई को सौंपे जाएंगे। चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में पहले से हैं, ऐसे में सीबीआई को इस केस में थोड़ी आसानी जरूर होगी। वहीं घटना के ठीक बाद के कुछ वीडियो भी यूपी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिस पर अधिकारियों ने कहा कि वो इसे सीबीआई की टीम को सौंपेंगे।
ये है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 14 सिंतबर को हाथरस के एक गांव में चार दबंगों ने दलित युवती के साथ पहले गैंगरेप किया, फिर उसकी जीभ काट दी। इसके बाद उन्होंने उसे बेरहमी से मारा। पीड़ित के परिजन उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पीड़ित लड़की के परिजनों का आरोप है कि बिना उनकी इजाजत के पुलिस-प्रशासन ने रात में उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके साथ ही उन्हें उसका चेहरा भी नहीं देखने दिया। मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यूपी पुलिस लगातार गैंगरेप की बात से इनकार कर रही है।
यूपी पुलिस पर एक और आरोप
उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपी संदीप और पीड़िता के परिवार के बीच 5 महीने में 100 बार फोन पर बात हुई है। जिस पर पीड़ित के भाई की प्रतिक्रिया आई है। पीड़िता के भाई ने कहा कि घर पर रखे फोन का ज्यादातर इस्तेमाल उनके पिता ही किया करते थे, लेकिन मुख्य आरोपी संदीप ने कभी हमारे किसी घर वाले ने बात नहीं की। भाई का आरोप है कि यूपी पुलिस उनकी बहन का चरित्रहनन कर रही है।