पंचकूला के पुलिस कमिश्रर राकेश कुमार आर्य ने पंचकूला के गांव बुंगा व पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हिमाद्रि कौशिक ने गांव गोलपूरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा और उनका समाधान करने का आश्वासन दिया। उनके साथ रायपुररानी थाना प्रभारी सोमबीर ढाका और एसीपी सुरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। डीसीपी का यह दौरा हरियाणा सरकार की मुहिम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुलिस व जनता के बीच बेहतर संबंध बनाने व जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ना और उनकी समस्याओं का निदान करना है।
ग्रामीणों से संवाद और समस्याओं का आकलन
पुलिस कमिश्नर ने ग्रामीणों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ गहन चर्चा की। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि पिछले दो वर्षों में गांव में कोई नशा संबंधित मामला दर्ज नहीं हुआ है। डीसीपी ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने ग्रामीणों से यह भी अपील की कि वे नशे से मुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें।
ग्रामीणों ने पहली बार किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के गांव आने और उनकी समस्याएं सुनने की पहल की प्रशंसा की। उन्होंने नशा, बिजली, पानी, शिक्षा और अन्य बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया। डीसीपी ने कहा कि इन मुद्दों को संबंधित विभागों के समक्ष उठाया जाएगा और जल्द ही समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
बच्चों को प्रेरित करने का प्रयास
गांव की गवर्नमेंट स्कूल की छात्रा कंगना कशिश ने डीसीपी से बातचीत करते हुए कहा कि वह भविष्य में आईपीएस अधिकारी बनना चाहती हैं। डीसीपी ने कंगना की सोच की सराहना की और उसे सफलता के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि “शिक्षा ही वह मार्ग है, जो बच्चों को उनके सपनों तक पहुंचा सकती है।”
डीसीपी ने अन्य बच्चों को भी शिक्षा के महत्व को समझने और अपने माता-पिता का सम्मान करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से न केवल बच्चे अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
नशा मुक्ति अभियान पर बल
इस मौके पर पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने गांव के लोगों से बातचीत कर समस्याओं के बारे में जानकारी ली व पंचकूला जिला में चलाए गए नशा एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव मेरी शाम अभियान के बारे में लोगों का जागरूक के साथ साथ अभियान में शामिल होकर नशा को पूर्ण रूप से खत्म करने का संकल्प भी दिलाया। बता दे जिला में नशा को पूर्ण रूप से खत्म करने हेतु पुलिस कमिश्नर द्वारा विशेष टीम का गठन किया था जिसके तहत टीम द्वारा आस पास के गांवों का दौरा कर नशा पीड़ितों की पहचान कर बेहतर इलाज व मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के माध्यम से उपचार कराया जा रहा हैं। पुलिस कमिश्नर ने नशा मुक्त समाज की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशा युवाओं और समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसे रोकने के लिए पुलिस और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि आगे गांवों में रात्रि प्रवास (नाइट स्टे) के दौरान नशे से बचने और इसके दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बुजुर्गों का सम्मान और नई योजनाएं
डीसीपी ने गांव के बुजुर्गों से भी संवाद किया और उनकी समस्याओं और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैं और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने घोषणा की कि आने वाले दिनों में गांव के बुजुर्गों को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
हरियाणा सरकार की पहल का हिस्सा
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हरियाणा सरकार की पहल के तहत पुलिस अधिकारी हर गांव में जाकर लोगों से सीधा संवाद करेंगे। इसका उद्देश्य न केवल उनकी समस्याओं को समझना है, बल्कि उन्हें प्रशासन के प्रति विश्वास दिलाना भी है।
गोलपूरा गांव की विशेषता
डीसीपी ने गोलपूरा गांव की शांतिपूर्ण और नशा मुक्त छवि की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह गांव अन्य गांवों के लिए आदर्श है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरणादायक है।
ग्रामीणों ने जताया आभार
गोलपूरा के ग्रामीणों ने डीसीपी और उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहली बार किसी वरिष्ठ अधिकारी ने सीधे गांव आकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन को नशा मुक्ति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।