UCC: गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कहा कि उसने आजादी के बाद विवाह और तलाक के लिए मुस्लिम पर्सनल कानून लाकर पहले प्रधानमंत्री ने तुष्टिकरण की शुरुआत की। शाह ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड में यूसीसी लाने का काम किया। अन्य राज्यों में भी हमारी सरकारें यूसीसी लाएंगी।
ऊपरी सदन में संविधान पर दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं बल्कि विश्वास और श्रद्धा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना तंज कसते हुए शाह ने कहा कि 54 साल की आयु में अपने आप को युवा कहने वाले नेता संविधान लेकर घूमते हैं और कहते हैं कि भाजपा वाले संविधान बदल देंगे। संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के अंदर संविधान में ही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने संविधान में बदलाव किए लेकिन भाजपा ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जबकि कांग्रेस ने अपनी सत्ता बचाने के लिए संशोधन किए। इससे पार्टी का चरित्र पता चलता है। संविधान को लहराकर और झूठ बोलकर कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किया। उन्होंने काका कालेलकर रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप भी लगाया।
लोकतंत्र से तानाशाहों का अहंकार चूर
पिछले 75 वर्षों में कई देश स्वतंत्र हुए लेकिन वहां लोकतंत्र सफल नहीं हुआ। लेकिन हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है। हमने बिना खून की एक बूंद बहाए परिवर्तन किए। लोकतांत्रिक तरीके से देश के लोगों ने अनेक तानाशाहों के अहंकार को चकनाचूर कर दिया।
वोट बैंक की राजनीति का आरोप
गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए अनुच्छेद 370 और ट्रिपल तलाक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ इतने दिनों तक अन्याय किया। हमने तो ट्रिपल तलाक समाप्त कर मुस्लिम माताओं-बहनों को अधिकार दिया।