-सरकार अपना वादा पूरा करते हुए किसानों को एमएसपी की गारंटी दे
-किसान पैदल दिल्ली कूच करना चाहते हैं तो सरकार उन्हें क्यों रोक रही है
-भाजपा सरकार किसानों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है
चंडीगढ़, 3 दिसंबर।
एमएसपी पर फसलों की खरीद का कानून बनाने की मांग पर देश का अन्नदाता लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। हर बार भाजपा की सरकार किसानों से झूठा वादा करके किसानों के संघर्ष को दबाने का प्रयास कर रही है। यदि भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को समाप्त करवाना चाहती है तो तुरंत किसानों से बात करके एमएसपी गारंटी का कानून लागू कर दे। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज जारी एक बयान में कही।
सांसद सैलजा ने कहा कि किसान लंबे समय से एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। खनौरी बॉर्डर पर किसान कई माह से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन भाजपा की सरकार किसानों से कोई बात नहीं कर रही है। किसानों को न तो समय पर डीएपी खाद मिलती है और न ही यूरिया। किसान व खेती को खत्म करने के लिए सरकार ने पहले भी तीन काले कानून बनाए थे। किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए थे। अब किसानों ने 6 दिसंबर को पैदल ही दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है तो सरकार हरकत में आ गई है। उन्होंने कहा कि सरकार अब भी किसानों से बात करने की बजाय किसानों को दिल्ली जाने से रोकने का प्रयास कर रही है। सरकार का प्रयास है कि किसान किसी तरह से दिल्ली न जाए। सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 8 दिन से भूख हड़ताल पर है। उनका स्वास्थ्य गिर रहा है, लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन का कोई नुमाइंदा किसान नेता से मिलने नहीं गया है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों से बात करनी चाहिए। भूख हड़ताल पर चल रहे डल्लेवाल की भूख हड़ताल खत्म करवाए और किसानों की मांगों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि यदि किसान केंद्र सरकार के पास अपनी मांग लेकर जाना चाहते हैं तो उन्हें रोकना अनुचित है क्योंकि शांतिपूर्ण आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। किसानों के इस लोकतांत्रिक अधिकार पर कुठाराघात करना निंदनीय है। सरकार को तुरंत प्रभाव से किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए और इनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सबको अधिकार है और सबकी बात सुननी चाहिए।