Ground Report: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण की 26 विधानसभा सीटों पर सोमवार को चुनाव प्रचार थम गया। यहां बुधवार को मतदान होना है। निर्दलीय प्रत्याशियों (99) ने सियासी दलों की नींद उड़ा रखी है। कश्मीर की सीटें एनसी-कांग्रेस गठबंधन, पीडीपी, निर्दलीय और अन्य दलों में विभाजित हो सकती हैं। प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होने के कारण सत्ता की चाबी ‘वोट कटवा’ के पास रहने के आसार है। परिणाम इस पर निर्भर करेगा कि छोटे दल और निर्दलीय प्रत्याशी कितना वोट काट पाते हैं। यहां भाजपा के लिए खाता खोलना चुनौती है।
85 युवा प्रत्याशी मैदान में
खास बात ये है कि इस चरण में बड़ी संख्या में युवा चुनाव लड़ रहे हैं। चालीस वर्ष की आयु तक के प्रत्याशियों की संख्या 85 है। एनसी और पीडीपी ने ‘अनुच्छेद 370’ को भावनाओं से जोड़कर मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। भाजपा ने ‘शांति, स्थिरता और विकास’ का नारा देखकर घोषणा पत्र के वादों के प्रचार पर जोर दिया। पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा सभी प्रमुख दल कर रहे हैं।
जम्मू संभागः भाजपा ने लगाई पूरी ताकत
जम्मू संभाग में भाजपा पिछले चुनाव से दस ज्यादा यानी 35 सीटें जीतने का टारगेट लेकर चल रही है। कांग्रेस उसे इस आंकड़े से आगे बढ़ने से रोकने के जतन में है। जम्मू संभाग में भाजपा का प्रभाव ज्यादा दिखा। भाजपा ने घाटी में कुछ सीटों पर भले ही प्रत्याशी खड़े किए हैं लेकिन जोर जम्मू पर है। गुज्जर बकरवाल और पहाड़ी मुसलमानों को एसटी में शामिल किए जाने का लाभ भाजपा को मिल सकता है। जम्मू विश्वविद्यालय के छात्र रजत प्रकाश कहते हैं कि इंजीनियर रशीद और जमात-ए इस्लामी के प्रत्याशी खड़े हुए हैं। अगर ये जीत गए तो जम्मू-कश्मीर का क्या होगा? इसलिए जम्मू में तो भाजपा ही आगे है।
कश्मीरः यहीं पर नेकां-कांग्रेस की उम्मीदें
कश्मीर में एनसी-कांग्रेस गठबंधन, पीडीपी, निर्दलीय और अन्य दल जोर लगा रहे हैं। यहां भाजपा की नजर नेकां-कांग्रेस का समर्थन नहीं करने वाले प्रत्याशियों पर है। इन्हीं के पास सत्ता की चाबी रहने की संभावना है। एनसी-कांग्रेस गठबंधन को कश्मीर से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है। इंजीनियर रशीद के प्रत्याशी एनसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ निर्दलीय या छोटे दलों के प्रत्याशी जीत सकते हैं। हजरतबल के मोहम्मद रिजवान ने कहा, अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को यूटी बनाने से लोग नाराज हैं। इसलिए भाजपा को कश्मीर में घुसने से रोकना ही मुद्दा है। इसलिए इस बार कश्मीर के वोट बंटेंगे नहीं।
दूसरा चरण
किसके कितने प्रत्याशी
17 सीटों पर भाजपा
6 सीटों पर कांग्रेस
20 सीटों पर एनसी
26 सीटों पर पीडीपी
239 कुल प्रत्याशी
99 निर्दलीय प्रत्याशी
6 महिला प्रत्याशी
8 संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र
ये दिग्गज मैदान में
एनसी नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना
जम्मू-कश्मीर कांगे्रस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा
अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी
राहुल ने मांगे वोट
दूसरे चरण के प्रत्याशियों के लिए श्रीनगर और जम्मू संभाग में पीएम मोदी रैली कर चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने भी जम्मू संभाग में रैली की। प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सुरनकोट और सेन्ट्रल शाल्टेंग में चुनावी रैलियां की।