राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने रविवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पद छोड़ने का फैसला सही है, क्योंकि भाजपा द्वारा बनाए गए हालातों के कारण वे कुर्सी पर रहकर कुछ हासिल नहीं कर सकते थे।
विवेक तन्खा ने कहा, “वे परेशान थे। उन्हें जबरन जेल में रखा गया था, एजेंसियां उन्हें जाने नहीं दे रही थीं। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद ही वे बाहर आए हैं। वे और क्या कर सकते थे?
कांग्रेस नेता ने कहा कि केजरीवाल ने सोचा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने का समय आ गया है।”
‘भाजपा ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ा’
विवेक तन्खा ने कहा, “जब तक वे सीएम रहे, तब तक वे (भाजपा) उन्हें न तो सीएम के तौर पर काम करने देते और न ही लंबे समय तक बाहर रखते। इसलिए, उन्होंने सोचा होगा कि जिस चीज के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है, उसे छोड़ देना चाहिए। मुझे लगता है कि वे अपनी विश्वसनीयता बढ़ाना चाहते हैं और भाजपा के खिलाफ लड़ाई को सड़कों पर ले जाना चाहते हैं।”
तन्खा ने कहा,”केजरीवाल ने भाजपा के दबाव में आकर यह फैसला नहीं लिया लेकिन भाजपा ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसके कारण वे काम नहीं कर पा रहे हैं।”
विवेक तन्खा बोले- दिल्ली को कम से कम एक पूर्ण मुख्यमंत्री तो मिलेगा
उन्होंने कहा, “केजरीवाल को रिहा कर दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं। जमानत की शर्तों के तहत, वह कार्यालय नहीं आ सकते थे, न ही फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते थे और न ही किसी काम में हिस्सा ले सकते थे, इसलिए मुख्यमंत्री बने रहकर उन्हें क्या हासिल हो सकता है? मुझे लगता है कि केजरीवाल ने जो किया वह सही है। अब, दिल्ली को कम से कम एक पूर्ण मुख्यमंत्री तो मिलेगा।”