सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला
कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब-केटेगरी बनाई जा सकती है, यानी राज्य सरकारों को ये अधिकार है
सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संविधानिक पीठ ने 6/1 से ये फ़ैसला सुनाया। CJI सहित 6 जजों का इस पर समर्थन।
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले ने 2004 में दिए गए 5 जजों के फैसले को पलट दिया है।
2004 में दिये उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति/जनजातियों में सब-केटेगरी नहीं बनाई जा सकती।