Kamal Faruqui on Muharram procession: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के सदस्य कमाल फारूकी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुहर्रम के नाम पर उत्पात मचाने वाले घर पर बैठ रहें।
मुसलमानों के हक के आवाज उठाने वाले कमाल फारूकी ने कहा है कि अगर मुहर्रम बंद किया जाएगा तो, हर धर्म से जुड़े लोगों के त्यौहारों को बंद करना चाहिए। उन्होंने यूपी सीएम योगी को चुनौती देते हुए कहा है कि, अगर वो मुहर्रम बंद कराने पर जोर देंगे तो हम रामलीला भी नहीं होने देंगे।
मुहर्रम बंद कराने वाले विवाद पर क्या बोले कमाल फारूकी?
मुहर्रम जुलूस पर यूपी सरकार के हालिया आदेश पर कमाल फारूकी ने कहा,
”रामलीला और गुरु नानक जयंती समारोह पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए। सब कुछ बंद कर देना चाहिए और इस पर कानून लाना चाहिए। मुसलमान सबसे पहले इसे स्वीकार करेंगे। बना लो, अगर ऐसा मुल्क बनाना चाहते हो तो, हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर मुहर्रम बंद करवाएंगे तो, रामलीला, गुरुनानक जयंती, पारसी सबके त्यौहार बंद करवाइए। लेकिन ऐसा करके आप इस देश की खूबसूरती खराब करेंगे और कुछ नहीं। हमारे देश के संविधान में हमें अपने धर्म से रहने की इजाजत दी है।”
VIDEO | Here's what Kamal Faruqui, All India Muslim Committee member, said on UP government's recent order on Muharram procession.
"Ramlilas and celebration of Guru Nanak birthday should also be banned then. Everything should be stopped and a law should be brought on this. The… pic.twitter.com/B7Py07h135
— Press Trust of India (@PTI_News) July 14, 2024
इस बयान के बाद वो चर्चाओं में आ गए हैं, आइए जानें कौन हैं कमाल फारूकी और क्या करते हैं?
Who is Kamal Faruqui: कौन हैं कमाल फारूकी?
कमाल फारूकी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य हैं।
कमाल फारूकी देश के एक मशहूर चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जो सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में कई महत्वपूर्ण पदों से जुड़े हैं।
कमाल फारूकी एक प्रखर वक्ता, कुशल आयोजक, अल्पसंख्यक अधिकारों, सांप्रदायिक सद्भाव और अंतर-धार्मिक संवाद के मुद्दों के विशेषज्ञ हैं। वे प्रभावी राष्ट्र निर्माण के लिए आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। वे नागरिक समाज समूहों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
कमाल फारूकी को भारतीय मुसलमानों का एक अग्रणी आधुनिक चेहरा समझा जाता है। कमाल फारूकी हमेशा से मुसलमानों के अधिकारों को लेकर मुखर रहे हैं।
कमाल फारूकी मुस्लिम समुदाया में शिक्षा को लेकर जागरुकता बढ़ाने के भी काम करते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा प्रभावी राष्ट्र निर्माण की कुंजी है, महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और मदरसों का आधुनिकीकरण पर भी उनका फोकस है।
कमाल फारूकी देश भर के कई शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े रहे हैं और देश भर के कई मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के बोर्ड मेंबरों में से हैं।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व निदेशक और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष के रूप में कमाल फारूकी विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं।
कमाल फारुकी उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मेस्को पब्लिक स्कूल और आरबीएमएम भी चलाते हैं। जो बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की डिग्री देने वाला एक कॉलेज है।