राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार चुकी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ढाल बनकर आए हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को मर्यादा की याद दिलाकर स्मृति ईरानी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी न करने की अपील की है।
मर्यादा से भरी राजनीतिक टिप्पणी राहुल गांधी की इस टिप्पणी को काफी अहम माना जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की एक नेता ने अमर उजाला से कहा कि पिछले दस साल से राहुल गांधी जब भी सदन में खड़े होते थे, भाजपा के सांसद खूब तंज, व्यंग, हूटिंग करते थे। दरअसल, राहुल गांधी के लक्ष्य में केवल स्मृति ईरानी नहीं हैं, बल्कि वह सभी भाजपा के सांसद हैं जो सदन में मोदी-मोदी के नारे लगाते रहे हैं और नेता प्रतिपक्ष की हूंटिग करते रहे हैं। अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा ने अमर उजाला से कहा कि हम सार्वजनिक जीवन में हैं। हमें मर्यादा में रहना चाहिए और मर्यादित टिप्पणी करनी चाहिए।
हालांकि, राहुल गांधी की नेताओं को इस सलाह पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्विटर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमित मालवीय की टिप्पणी पर कांग्रेस के नेता नाम न छापने की शर्त पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राहुल गांधी की टीम में गिने जा रहे वरिष्ठ सांसद ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी अपने खिलाफ किसी टिप्पणी को व्यक्तिगत नहीं लिया। प्रतिक्रिया नहीं दी। स्मृति ईरानी ने उनके बारे में क्या क्या कहा, लेकिन राहुल गांधी ने कभी प्रतिक्रिया में मर्यादा को नहीं लांघा।
एनसीपी के एक सांसद की सुन लीजिए
एनसीपी के एक सांसद कहते हैं कि सोनिया गांधी को लेकर भी स्मृति ईरानी मुखर रही हैं। इसी तरह से भाजपा के कुछ और नेता हैं जो सदन में राहुल गांधी के खड़े होते ही टोका-टोकी, टीका-टिप्पणी करने लगते हैं। कुछ 2024 में हार गए हैं। सूत्र का कहना है कि स्मृति ईरानी कई बार अपने निराले अंदाज में आलोचना करती रही हैं, अब वह चुनाव हार गई हैं तो क्षेत्रीय नेता, कार्यकर्ता उनके ऊपर टिप्पणी कर रहे हैं। सूत्र का कहना है कि बिना वरिष्ठ नेताओं की सहमति के पार्टी के नेता इस तरह से व्यवहार नहीं करते। ऐसे में राहुल गांधी की अपने नेताओं को यह सीख देना काफी अहमियत रखता है।
राहुल क्या कहना चाहते हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने राजनीति में तमाम गुर सीखे हैं। संसदीय राजनीति में परिपक्व हुए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में विपक्ष के स्मृति ईरानी पर टिप्पणी करने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं को नसीहत दी है। इस बारे में उनके सचिवालय के सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी ने अपना कर्तव्य निभाया है। राजनीति में हार-जीत लगी रहती है। चुनाव में कोई हारता है, कोई जीतता है। लेकिन सार्वजनिक जीवन में व्यक्तिगत या मर्यादाहीन टिप्पणी से बचना चाहिए। फासला इतना रहे कि हम आगे भी सौहार्द पूर्ण मिल सकें।