हरियाणा विधानसभा चुनाव सह प्रभारी एवं सांसद बिप्लब कुमार देब ने 25 जून को “संविधान हत्या दिवस“ के रूप में मनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर लिखते हुए श्री देब ने कहा कि भारत सरकार ने हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का जो निर्णय लिया है यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान को स्मरण करायेगा जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था। श्री देब ने पुनः मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया।
बिप्लब देब ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंटा था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और ंमीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ’संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया यह ऐतिहासिक है।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि 25 जून 1975 वह काला दिवस था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही मानसिकता ने हमारे संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या कर देश पर ’आपातकाल’ थोपा था। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारे सभी महापुरूषों के त्याग व बलिदान का स्मरण कराएगा जो कांग्रेस के इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध संघर्ष करते हुए संविधान की रक्षा व लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए यातनाएं सही और दिवंगत हो गए।