राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा किया गया। पीएम के भाषण के बीच में ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। जिसके बाद पीएम मोदी के तेवर और आक्रामक हो गए।
विपक्ष के वॉकाउट के बाद पीएम मोदी ने कहा कि देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं है। उनका सत्य से मुकाबला करना, इसके लिए जिनके हौसले नहीं हैं, वो बैठकर इतनी चर्चा के बाद, उनके उठाए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है।
ये अपर हाउस को अपमानित कर रहे हैं। अपर हाउस की महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनका इतना पराजित कर दिया है कि उनके पास गली-मोहल्लों में चीखने के अलावा कुछ बचा नहीं है। हो हल्ला, मैदान छोड़कर भाग जाना, यही उनके नसीब में लिखा है।
जनता का निर्णय पचा नहीं पा रहे
पीएम मोदी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों ने जो निर्णय दिया है, उसे ये लोग पचा नहीं पा रहे हैं। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं तो आज उनका वो लड़ाई लड़ने का भी हौसला नहीं था, इसलिए वो मैदान छोड़कर भाग गए हैं।
मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ हूं, मैं तो देश का सेवक हूं। देशवासियों को पल-पल का हिसाब देना मैं अपना कर्तव्य मानता हूं। वैश्विक परिस्थितियां ऐसी हुईं कि खाद के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा हुआ।
सभापति ने भी की आलोचना
वहीं सभापति जगदीप धनखड़ ने भी विपक्ष के वॉकआउट की तीख आलोचना करते हुए कहा कि आज ये सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। उन्होंने मुझे नहीं बल्कि संविधान को पीठ दिखाई है।
इन्होने मेरा-आपका नहीं बल्कि उस शपथ का अनादर किया है, जो उन्होंने संविधान उठाकर शपथ ली थी। ऐसा कैसे हो सकता है कि हाउस ऑफ एल्डर, जो देश का मार्गदर्शन करता है, इस तरह का बर्ताव करे, मैं उनके आचरण की भर्त्सना करता हूं।
संविधान हाथ में रखने की नहीं जीने की की चीज
जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं इस कुर्सी पर बैठकर इतना दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना बड़ा अपमान, इतना बड़ा मजाक। भारत का संविधान हाथ में रखने की किताब नहीं है बल्कि जीने की किताब है। मैं आशा करता हूं कि वो आत्ममंथन करेंगे।