पंचकूला : हरियाणा के राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी ने आज लोकतंत्र सेनानी संगठन हरियाणा द्वारा माता मनसा देवी मंदिर परिसर में स्थित लक्षमी भवन में आयोजित प्रथम प्रांतीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
उन्होंने कार्यक्रम की शुरूआत परंपरागत दीप प्रज्जवलित करके की। उन्होंने कहा कि हरियाणा लोकतंत्र सेनानी संगठन द्वारा प्रथम प्रातीय अधिवेशन में उपस्थित होकर उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमें आपातकालीन समय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि 20 जून, 1975 को देश में आपातकालीन स्थिति लगाई गई और यह दिन काले दिवस के रूप मे था। आपात स्थिति लगाने वालों ने लोकतंत्र के अधिकारों का हनन किया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोक कोर्ट सभी कोर्टों से उपर है। उन्होंने कहा कि जो जनता के अधिकारों का हनन करता है, या लोकतंत्र के साथ छेडखानी करता है, उसे जनता कोर्ट सबक भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति लगाने वालों को देश की जनता ने चुनाव में करारी हार देकर ऐसा सबक सिखाया कि उन्हें अपनी गलती का अहसास भी हुआ और अब कोई भी आपात स्थिति नहीं लगाएगा।
राज्यपाल ने आपातकालीन स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आपातकालीन स्थिति के समय देश में ऐसी अंधेरगर्दी थी कि किसी को भी पकड कर जेल में डाल देते थे। उन्होंने यह भी कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन चलाया गया। उस समय उन्हें जेल में डालना चाहिए था लेकिन डाला नहीं गया, उनके स्थान पर अन्य को डाल दिया गया क्योंकि उस समय कानून नाम की कोई भी चीज नहीं थी। किसी को भी बिना कसूर के जेल में डाल देते थे। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय जेल में जो राजनीतिक व्यक्ति थे, उन्हें छोड दिया गया लेकिन जो राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे, उन्हें जेल में ही रखा गया। उन्होंने कहा कि एक ऐसे अधिनियम के तहत जेल में डाला गया कि न कोई अपील व दलील या वकील कर सकता था। उन्होंने कहा कि जब 1977 में नई सरकार बनी तो इस अधिनियम को सबसे पहले खतम किया गया। उन्होंने कहा कि जो जेल से नहीं छूटे वो क्या सोच रहे थे कि यदि यह सरकार पुनः बनी तो वे बाहर नहीं आएंगे। लेकिन जनता का निर्णय अदालत से भी बढ कर था कि सरकार को चुनावों में करारी हार मिली।
राज्यपाल ने हरियाणा लोकतंत्र सेनानी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कैलाश सोनी के संबंध में बोलते हुए कहा कि हरियाणा में लोकतंत्र सेनानी संगठन खडा करने में इनकी अहम भूमिका है और यह शुरू से ही इस संगठन को मजबूत करने में निःस्वार्थ भाव से जुडे हुए हैं। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी संगठन हरियाणा की ओर से दिये गए मांग पत्र पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने आपातकालीन बंदियों को प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं, पहचान पत्र व हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे सरकार से उनकी उचित मांगों के बारे में भी बातचीत कर उन्हें क्रियान्वित करवाने में पूरा प्रयास करेंगे।
संगठन ने राज्यपाल को दिये गए मांग पत्र में आपातकालीन बंदियों को स्वतंत्रता सेनानियों को दर्जा देने व उसी प्रकार की सभी सुविधाएं देने, उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियां देने व स्कूल कालेजों में प्राथमिक्ता देने और उनके एक निश्चित कोटे को निर्धारित करने, अन्य अनेक राज्यों द्वारा विगत कई वर्षों से आपातकालीन बंदियों को वित्तीय सहायता के रूप में सम्मान राशि भी दी जा रही है। हरियाणा सरकार के सभी आपातकालीन बंदियों को अन्य राज्यों की तर्ज पर सम्मान राशि देने की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि यह सम्मान राशि जब से हरियाणा में भाजपा सरकार बनी है दी जाए व पिछली राशि का इकट्ठा भुगतान किया जाए क्योंकि ऐसा न होने पर उन लोगोें के साथ अन्याय होगा जिनका पिछले ढाई वर्षों में स्वर्गवास हो गया है। अन्य राज्यों की सरकारों ने भी सम्मान राशि घोषित करके पुरानी राशि दी है।
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कैलाश सोनी, राष्ट्रीय कोशाध्यक्ष संतोष शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष बलवंत सिंह निडर व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयप्रकाश ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे। इस मौके पर उपायुक्त पंचकूला गौरी पराशर जोशी, डीसीपी अनिल धवन, अतिरिक्त उपायुक्त हेमा शर्मा, श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड कें मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीजी गोयल, सचिव सत्यनारायण गुप्ता, पृथ्वी सिंह सहित प्रदेश भर से आए हरियाणा प्रदेश लोकतंत्र सेनानी संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी हरियाणा के काफी संख्या में लोकतंत्र सेनानी उपस्थित थे।