इंदौर। भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की सादगी ने इंदौर के कार्यकर्ताओं पर अमिट छाप छोड़ी है। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक एक धर्मशाला में रखी थी, तब आडवाणी राज्यसभा सदस्य थे। रेसीडेंसी में कमरा बुक था, लेकिन वे धर्मशाला के हॉल में अन्य पदाधिकारियों के साथ टेंट के बिस्तर पर सोए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूसिंह रघुवंशी ने कहा कि सरकार का चुनाव सही है। 1971 में जनसंघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक अंतिम चौराहे की लाड़काना धर्मशाला में थी। उस दौरान पार्टी के पास लोकसभा व राज्यसभा के 33 सांसद थे, जिनमें से 21 कार्यकारिणी सदस्य थे। उनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जगन्नाथ राव जोशी भी थे।
कार्य समिति के दौरान जब रात्रि विश्राम की बात आई तो उन्होंने साफ कर दिया कि मैं तो धर्मशाला के हॉल में ही विश्राम करुंगा। ये सुनकर सभी सांसदों ने तय किया कि वे भी धर्मशाला में विश्राम करेंगे। सभी के लिए टेंट से बिस्तर की व्यवस्था जुटाई गई। उस समय आडवाणी राष्ट्रीय महामंत्री तो वाजपेयी अध्यक्ष थे। धर्मशाला में कॉमन शौचालय की जानकारी उन्हें दी तो उन्होंने कहा कि हम भी कार्यकर्ता ही हैं। जैसे वे रहेंगे, वैसे ही हम भी रहेंगे।
खबर सुनते ही स्तब्ध हुए आडवाणी
रघुवंशी के मुताबिक, 5 जून 1973 को इंदौर के आड़ा बाजार स्थित मंगल सदन में इंदौर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन था। आडवाणी संबोधित करने आए थे। वे मंच पर थे और उस बीच एक शख्स ने उन्हें कान में आकर कुछ बोला। वे सुनकर स्तब्ध रह गए। कुछ देर बाद पूछा कि क्या हो गया? कहना था कि गुरुजी (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघ चालक माधव सदाशिव गोलवलकर) का निधन हो गया। उन्होंने बैठक में श्रद्धांजलि दी। दीनदयाल उपाध्याय के निधन पर जो शब्द गुरुजी ने कहे थे, वही दोहराए। कहा कि व्यक्ति का अभाव हो सकता है, विचार का नहीं। हम उनके विचार पर चलकर उनकी पूर्ति कर सकते हैं।
सम्मेलन के बाद वे भोपाल रवाना हुए, जहां से वे नागपुर पहुंचे। 1980 में भाजपा का उदय हुआ और चुनाव आयोग ने खिलता कमल चुनाव चिन्ह दिया। उस दौरान एक कार्यकर्ता बागी हो गया, जिसने गुलाब का फूल चुनाव चिन्ह मांगा। कमल और गुलाब में ज्यादा अंतर नजर नहीं आ रहा था। पार्टी ने मुझे दिल्ली भेजा। वहां मैंने आडवाणीजी को इसकी जानकारी दी। हाथ से शिकायत लिखकर वे निर्वाचन आयोग पहुंचे। जहां उनकी बात को मानकर गुलाब के चुनाव चिन्ह को हटा दिया गया।