अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर में कुछ खालिस्तान समर्थक द्वारा नारेबाजी और भारत विरोधी चित्रों के साथ तोड़फोड़ की गई। इस मामले पर भारत ने सख्ती बरतते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है।
यह घटना प्रकाश में तब आई जब एक हिंदू-अमेरिकी फाउंडेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की। तस्वीरों में न्यूआर्क के स्वामीनारायण मंदिर वासना संस्था की दीवारों पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत भरे नारे लिखे हुए दिख रहे थे। भारत ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे चरमपंथियों को जगह नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने पहले ही इस मामले को अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाया है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा, “मैंने समाचार देखा है। जैसा कि आप जानते हैं, हम इस बारे में चिंतित हैं। भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए। जो कुछ भी हुआ उसके बारे में हमारे वाणिज्य दूतावास ने (अमेरिकी) सरकार और वहां की पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है और हमें विश्वास है कि मामले की जांच की जा रही है।”
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा,”इस घटना ने भारतीय समुदाय की भावनाओं को आहत किया है। हमने इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ त्वरित जांच और त्वरित कार्रवाई के लिए दबाव डाला है।”
मंदिर प्रशासन के अनुसार ये घटना गुरुवार रात को हुए। मंदिर के प्रवक्ता, भार्गव रावल ने कहा, “मंदिर के नजदीक रहने वाले भक्तों में से एक ने इमारत की बाहरी दीवार पर काली स्याही में हिंदू विरोधी और भारत विरोधी चित्र देखे और स्थानीय प्रशासन को तुरंत इसकी सुचना दी गई।”
नेवार्क पुलिस का कहना है कि चित्रों के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि यह एक टारगेटेड एक्ट था और इसकी पूरी गहनता से जांच की जाएगी। नेवार्क पुलिस के एक कप्तान ने कहा, “मैं आपको यह भी बता सकता हूं कि नेवार्क पुलिस विभाग और नेवार्क समुदाय के सदस्य के रूप में, हमें गहरा दुख होता है, जब इस तरह की हरकतें होती हैं और हमें लगता है कि वे संवेदनहीन हैं और उनके लिए कोई जगह नहीं है।”
बता दें, ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है। पहले भी अमेरिका और कनाडा में हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा, खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के संबंधों में भी दरार आ गई है।