दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में 22 दिसंबर को ईडी ने उन्होंने तीसरा समन भेजा था। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में खरीदी और आपूर्ति की गई गैर-मानक दवाओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की है। लोकसभा चुनाव से पहले यह उनके लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एलजी ने मुख्य सचिव को लिखे अपने नोट में उल्लेख किया है कि यह चिंताजनक है कि ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं।
एलजी ने जताई चिंता
एलजी ने दवा खरीद में भारी बजटीय आवंटन पर भी चिंता जताते हुए कहा, “कम से कम, मैं इस तथ्य से व्यथित हूं कि लाखों असहाय लोगों और रोगियों को नकली दवाएं दी जा रही हैं, जो गुणवत्ता मानक परीक्षणों में विफल रही हैं। दिल्ली स्वास्थ्य सेवा (डीएचएस) के तहत केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) द्वारा खरीदी गई इन दवाओं को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपूर्ति की गई थी और हो सकता है कि इन्हें मोहल्ला क्लीनिकों में भी आपूर्ति की गई हो।”
सूत्र ने प्रमुख शासन सचिव को भेजे गए एलजी नोट के हवाले से कहा, “ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 के तहत नियमों और वैधानिक प्रावधानों के अनुसार सरकार के साथ-साथ निजी विश्लेषकों या प्रयोगशालाओं द्वारा परीक्षण किया गया, ये विफल रहे हैं और इन्हें ‘मानक गुणवत्ता के नहीं’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।”
कई नेता घेरे में
दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में भी आप पार्टी के कई नेता जांच के घेरे में हैं। हाल ही में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और एमपी संजय सिंह को अदालत ने झटका देते हुए न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। दोनों नया साल जेल में ही बिताएंगे। सिसोदिया की 19 जनवरी तक और संजय सिंह की 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। वहीं सीएम केजरीवाल को भी 3 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है।