चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में ‘‘हर खेत को पानी’’ उपलब्ध करवाने तथा बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई प्रणाली के सुधार की दिशा में सरकार ने कई स्कीमें शुरू की हैंं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रदेश के छह जिलों के 22 खण्डों में जलसंचय व प्रबंधन के लिए नई स्कीम स्वीकृत की गई है। मानसून के दौरान यमुना नदी के अतिरिक्त पानी का प्रयोग करने के लिए लगभग दो हजार करोड़ रुपये की लागत की पांच परियोजनाएं तैयार की जा रही हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से मानसून के दौरान चार-पांच हजार क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा। इसके अलावा जलमार्गों के मरम्मत एवं सुधार की 300 करोड़ रुपये की लागत की एक परियोजना हाल ही में नाबार्ड से स्वीकृत करवाई है।
मुख्यमंत्री आज सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में ध्वजारोहण करने उपरांत मुख्य अतिथि के रुप में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उपस्थित स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारजनों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरु फीडर उठान सिंचाई प्रणाली की क्षमता में सुधार के लिए 143 करोड़ रुपये की लागत की परियोजना पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नहरों तथा जलमार्गों की मरम्मत पर 135 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। नहरों के सुधार के 150 करोड़ रुपये की लागत के कार्य चल रहे हैं। जिला सिरसा में डिस्ट्रीब्यूटरी एवं माइनरों के विस्तार, जीर्णोद्धार एवं मरम्मत आदि पर 37 करोड़ 25 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है और 15 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत के कार्य प्रगति पर हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करने व रावी-ब्यास का हरियाणा के वैध हिस्से का पानी लेने के लिए कृत-संकल्प है। वर्तमान सरकार ने एक दशक से भी अधिक समय से लम्बित प्रेजीडेंशियल रेफरैंस की पैरवी की है और इसकी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 29 फरवरी, 2016 से 12 मई, 2016 तक नियमित सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना की सफलता में हरियाणा भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यमुना नदी गंगा नदी की सहायक नदी है। प्रदेश में यमुना नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 85 मल शोधन संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं व 39 मल शोधन संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने की योजना पर भी हम काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के विभिन्न लाभों व सब्सिडी को आधार से जोडऩे और सीधे लाभपात्रों के खाते में जमा करवाने से पात्र व्यक्तियों को लाभ हुआ है और लगभग 445 करोड़ रुपये की बचत हुई है। वित्त वर्ष में 15 विभागों से 73 स्कीमों की 5916 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के अन्तर्गत लाने की सरकार की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष को सर्व हरियाणा, गर्व हरियाणा तथा पर्व हरियाणा के रुप में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों को एक उत्सव श्रंखला के रुप में मनाएं। स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रदेश की संस्कृति समृद्धि, गौरवशाली विरासत से लोगों को रुबरु करवाने के कार्यक्रम चलाए जाएंगे और इसके लिए स्वर्ण जयंती नाम से नई योजना क्रियांवित की जाएगी जिसके लिए वर्ष 2016-17 के दौरान 1657 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि देशभक्तों के त्याग, तप और बलिदान की कीमत पर अमूल्य आज़ादी मिली थी। यह वर्ष भारत की आजादी का 70वां वर्ष होने के साथ-साथ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का 75वां वर्ष भी है। हरियाणा के लिए यह वर्ष और भी महत्वपूर्ण है क्यों कि इस वर्ष एक नवम्बर 2016 से हरियाणा अपने गठन के 50वें वर्ष में प्रवेश करेगा और 31 अक्तूबर 2017 तक पूरे वर्ष स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के वीर जवान 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक देश की आन, बान और शान के लिए कुर्बानी देने में सदा ही आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और शौर्य गाथाओं को अमर रखने के लिए अम्बाला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक युवाओं को देश-प्रेम, देश-सेवा और देश के लिए कुर्बान होने की प्रेरणा देता रहेगा।
उन्होंने कहा कि हम अपने शहीदों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिवारों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं सरकार चला रही है। हरियाणा सरकार ने रक्षा कार्मिकों की एक्सग्रेशिया ग्राण्ट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है। सेवारत, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को वित्तीय एवं अन्य कई तरह की सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्वतंत्रता सेनानियों व आईएनए के सदस्यों की प्रथम पीढ़ी के उत्तराधिकारियों को भी राष्ट्रीय एवं राजकीय पर्वों पर आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का यह दिन हमारे लिए न केवल अतीत का स्मरण करने का अवसर है, बल्कि भविष्य के नवनिर्माण की परिकल्पना करने का मौका भी है। आजादी के सात दशकों में राष्ट्र ने अपने कर्मठ किसानों, मेहनती मज़दूरों, साहसी युवाओं, प्रतिभावान वैज्ञानिकों व इंजीनियरों तथा देश के हर नागरिक के सहयोग से निश्चय ही विकास के लम्बे डग भरे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल और ओजस्वी नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में देशवासियों में एक नई आशा का संचार हुआ है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ बनाने की दिशा में इस अरसे में क्रांतिकारी युग का सूत्रपात हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर भारत की गरिमा बढ़ी है। अनेक ऐतिहासिक और अनूठे कार्यक्रम शुरू हुए हैं। हाल ही में संसद द्वारा पारित जीएसटी बिल देश में कर सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम हैं, इससे पूरे देश में करों की एक समान दरें होंगी। इससे व्यापार, उद्योग और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने पिछले 22 महीने के कार्यकाल के दौरान ‘सबका साथ-सबका विकास’ तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के दर्शन को साकार करने के दिशा में कई नई पहल की की हैं। आज प्रदेश 8.2 प्रतिशत आर्थिक विकास दर से प्रगति पथ पर बढ़ रहा है। यह विकास दर देश की औसत विकास दर से अधिक है।
उन्होंने कहा कि आज के युग में सुशासन, ई-शासन से शुरू होता है। सरकार ने ई-शासन पर बल दिया है। ई-शासन की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है और हरियाण के तीन जिलों को डिजीटल इण्डिया अवार्ड भी मिला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 125 से अधिक ई-सर्विसिज आरम्भ की है। जन शिकायत निवारण के लिए स्थापित ‘सीएम विण्डो’ बड़ी ही सफल साबित हो रही है। राज्य में आधार कार्ड बनाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये पुलिस विभाग में आई.टी. का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है। घर बैठे शिकायत दर्ज करवाने के लिए सिटीजन पोर्टल ‘हरसमय’ स्थापित किया गया है। जीरो एफ.आई.आर. की अवधारणा को अपनाया गया है।
किसानों को राष्ट्र का अन्नदाता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसी बात को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और हरियाणा में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं।