देश के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी की अडानी समूह अगले एक दशक में देश में आधारभूत ढांचे की मजबूती पर 7 लाख करोड़ रुपये यानि 84 अरब डॉलर निवेश करने की योजना बना रही है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जुगेशिंदर सिंह ने कहा, हम और ज्यादा निवेश करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि उन्होंने इस विषय पर इससे ज्यादा कुछ बोलने से इंकार कर दिया.
इस वर्ष जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में अडानी समूह पर हेराफेरी कर शेयरों को भगाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी किया था. जिसके बाद अडानी समूह के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन इन आरोपों के चलते अडानी समूह की छवि से लेकर ग्रुप के लिस्टेड स्टॉक्स के मार्केट कैप में भारी कमी आ गई थी. अफनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को भी वापस लेना पड़ा था. इन आरोपों से ग्रुप की छवि को जो धक्का लगा है उसके बाद अडानी समूह नुकसान की भरपाई करने के लिए बड़ी निवेश करने की रणनीति तैयार की है.
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा.
अदालत ने शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी को जांच करने के आदेश दिए. सेबी ने कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सेबी ने कोर्ट को बताया कि कि उसे जांच पूरी करने करने के लिए और समय की आवश्यकता नहीं है. इस खबर के सामने आने के बाद मंगलवार 28 नवंबर को अडानी समूह के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी. एक ही दिन समूह के मार्केट कैप में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का उछाल देखने को मिला था जो कि जनवरी 2023 के बाद सबसे अधिक थी.
जुलाई 2023 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पोर्ट्स, एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस के बड़े पैमाने पर विस्तार करने का ऐलान किया था. अडानी समूह को सबसे बड़ी राहत तब मिली जब अमेरिकी सरकार की डेवलपमेंट एजेंसी ने श्रीलंका में अडानी समूह के पोर्ट प्रोजेक्ट में वित्तीय मदद देने की घोषणा की थी.