India US Khalistan Conflict: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की कथित हत्या की साजिश को नाकाम करने का दावा कर अमेरिका ने सनसनी फैला दी है और इस साजिश में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का नाम सामने आया है। लिहाजा माना जा रहा है, कि खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ सकती है।
लेकिन, व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने पन्नून मुद्दे पर भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग के बारे में पूछे जाने पर कहा, कि “भारत, अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार बना हुआ है और अमेरिका, भारत के साथ साझेदारी को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेगा, लेकिन हत्या की साजिश के आरोप बहुत गंभीर हैं।”
भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या बोला व्हाइट हाउस
गुरपतवंत पन्नुन की कथित ‘हत्या की साजिश’ में भारतीय नागरिक को लेकर जॉन किर्बी ने कहा, कि “हम आरोपों और जांच को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हमें यह देखकर खुशी हुई, कि भारतीय भी इसकी जांच के लिए अपने स्वयं के प्रयासों की घोषणा कर रहे हैं। और हम स्पष्ट कर चुके हैं, कि हम इन कथित आरोपों के लिए जिम्मेदार किसी को भी उसके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना देखना चाहते हैं।”
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है और कहा, कि पिछले हफ्तों में यह मुद्दा सीधे भारत सरकार के सामने उठाया गया है। उन्होंने कहा, कि “यह एक कानूनी मामला है। मैं कह सकता हूं, कि यह ऐसी चीज है, जिसे हम बहुत गंभीरता से लेते हैं। हममें से कई लोगों ने पिछले हफ्तों में इसे सीधे भारत सरकार के सामने उठाया है। भारत सरकार ने आज घोषणा की है, कि वह जांच करा रही है और यह अच्छा और उचित है, और हम परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं।” आपको बता दें, कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने बुधवार को एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आरोपी ठहराया है, जिसने न्यूयॉर्क में एक ‘भारतीय मूल के अमेरिकी सिख नेता’ की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने कहा है, कि अमेरिकी एजेंसियों ने हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है। अमेरिकी अभियोग में अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून का नाम नहीं था। निखिल गुप्ता ने कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ काम किया है, जिसका नाम भी अभियोग में उजागर नहीं किया गया है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
वहीं, नई दिल्ली ने अमेरिकी अभियोग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कि यह बहुत चिंता का विषय है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कि “जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले का संबंध है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा, ”हमने कहा है, और मैं दोहराना चाहता हूं कि यह भारत सरकार की नीति के भी विपरीत है।” भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, कि “भारत ने पन्नून की हत्या की नाकाम साजिश और ‘संगठित अपराध, तस्करी, बंदूक चलाने और चरमपंथियों के बीच सांठगांठ’ से संबंधित आरोपों की जांच के लिए पहले ही एक जांच दल का गठन कर दिया है।” मंत्रालय ने पहले कहा था, कि जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक फॉलोअप कार्रवाई की जाएगी।