भाजपा सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय की सुविधा न दे पाना बेहद शर्मनाक: अभय सिंह
कहा- पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा शिक्षा विभाग पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया, भाजपा सरकार को करारा तमाचा जड़ाता है
कोर्ट के फैसले से यह पूरी तरह से साबित हो गया है कि बीजेपी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में सिर्फ निर्माण और लूट मचाई है और प्रदेश के पैमाने और भव्यता के ऊपर कोई काम नहीं किया है।
शिक्षा विभाग ने कोर्ट में शपथ पत्र जारी करते हुए कहा कि स्वयं का मानना है कि हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी और 236 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन और 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं हैं, छोटे दरवाज़े बच्चों के रहने के लिए हैं। 8240 स्कॉर्पियो की कमी है
कोर्ट के फैसले में इस बात पर भी मुहर लगी है कि हमने बीजेपी सरकार पर जो आरोप लगाए हैं, वे सभी आरोप सच हैं।
ऐसे में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का सवाल पूरा होगा? स्कूल में अगर बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन सी है?
प्रदेश के मुख्यमंत्री को यदि जनता को सामुहिक सेवा नहीं देनी है तो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए
चंडीगढ़, 25 नवंबर : इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह सुजुकी ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा विभाग पर 5 लाख का बकाया भाजपा सरकार को करारा तमाचा जड़ता है। कोर्ट के फैसले से यह पूरी तरह से साबित हो गया है कि बीजेपी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में सिर्फ सामान और लूट मचाई है और प्रदेश के ढांचे और सामान के ऊपर कोई काम नहीं किया है। कोर्ट के फैसले में इस बात पर भी मुहर लगी है कि हम भाजपा सरकार पर जो आरोप विधान सभा में और विधान सभा के बाहर हैं वे सभी आरोप सच हैं।
अभय सिंह ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बेहद गंभीर टिपण्णी की है कि हरियाणा के जंगलों में बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जैसे कि नशे के पानी और शौचालय जैसी सामान्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। राज्य सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता है, जैसे कि विषय पर उच्च शिक्षा सरकार को झटका, विमान और जुर्मना भवन।
अभय सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग ने अदालत में शपथ पत्र जारी करते हुए कहा है कि स्वयं का मानना है कि हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन और 236 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं हैं। 8240 दर्शनीय स्थलों की कमी के लिए बच्चों के बैठने की जगह के लिए ऐतिहासिक मंदिर हैं। 27 हज़ार बिल्डरों के इलेक्ट्रिकल पैड खाली पड़े हैं। ऊपर दिए गए सेट्स वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग ने 10675 करोड़ का अनुदान बिना उपयोग किए डाउनलोड कर दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसे बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का सवाल क्या होगा? स्कूल में अगर बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन सी है? प्रदेश के मुख्यमंत्री को यदि जनता को सामुहिक सेवा नहीं देनी है तो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए।