Four boundaries in 40 overs: भारतीय टीम को 6 विकेट से हराकर आस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड छठी बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भारत को उसी के घर पर वर्ल्ड कप के फाइनल में हार का स्वाद चखाया। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। भारत की इस हार को फैंस लंबे समय तक नहीं भुला सकेंगे।
रोहित के विकेट ने बदला खेल: इस पूरे वर्ल्ड कप भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। कप्तान रोहित शर्मा ने शुरुआती ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टीम को एक तेज शुरुआत दिलाते रहे। मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज ने इसके बाद अपना काम बखूबी निभाया। फाइनल मुकाबले में भी भारतीय टीम का प्लान कुछ ऐसा ही था। लेकिन रोहित शर्मा के आउट होने के साथ ही भारतीय टीम के बल्लेबाज बैकफुट पर आ गए और इसके बाद रनों के लिए संघर्ष करते नजर आए।
40 ओवर में 4 बाउंड्री: भारतीय टीम टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी कर रही थी और टीम का स्कोर 10 ओवर में दो विकेट खोकर 80 रन था। ऐसे में लग रहा था टीम इंडिया ने एक अच्छी शुरुआत कर ली है। श्रेयस अय्यर और विराट कोहली से टीम को आगे ले जाने की उम्मीद थी। लेकिन श्रेयस अगले ओवर में ही आउट हो गए और उसके बाद से भारतीय टीम के बल्लेबाज दबाव से बाहर नहीं निकल सके। भारतीय टीम ने 11 ओवर से लेकर 50वें ओवर तक यानी कि 40 ओवर में सिर्फ चार बाउंड्री लगाने का काम किया। भारतीय टीम की हार यही तय हो गई थी।
बल्लेबाजों ने किया निराश: भारतीय टीम ने आखिरी 40 ओवर में सिर्फ चार चौके लगाए। इनमें से एक चौका मोहम्मद शमी और एक मोहम्मद सिराज के बल्ले से आया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया टीम को इस मुकाबले में पूरी तरह से हावी होने का मौका दिया। भारतीय बल्लेबाज तीन विकेट गिरने के बाद पारी को संभालने में नाकाम रहे। केएल राहुल डिफेंस मोड में चले गए और वह अपनी पारी को तेज गति प्रदान करने से पहले ही आउट होकर पवेलियन लौट गए। वहीं सूर्यकुमार यादव भी अंत के ओवरों में कुछ खास कमाल नहीं कर सके। यही वजह रही कि भारतीय टीम 240 रनों पर ही सिमट गई।