साल 2020 में 40 से अधिक मौत होने पर भी नहीं लिया सबक
जहरीली शराब के कारण गरीब व मेहनतकश ही गंवाते सबसे अधिक जान
चंडीगढ़, 15 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए ही एसआईटी बनाकर जांच कराने का ढोंग किया जा रहा है। प्रदेश सरकार जहरीली शराब प्रकरण की तह तक जाना चाहती है तो उसे बिना देरी किए लगातार हुई मौतों की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस से करानी चाहिए। जस्टिस से जांच के बिना न तो असली गुनहगारों को सजा मिल सकेगी और न ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को घटित होने से रोका जा सकेगा।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि साल 2020 में सोनीपत, पानीपत व फरीदाबाद में 40 से अधिक लोगों की जहरीली शराब के कारण जान चली गई थी। उस समय भी जांच के नाम पर इसी तरह से एसआईटी बनाने का स्वांग रचा गया। कुछ समय बाद प्रदेश के लोग इतनी मौतों को भूल गए और अब तीन साल के भीतर ही यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब ने 20 से अधिक लोगों की जान ले ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद भाजपा का कार्यकाल देखें और साल 2019 में उसकी सहयोगी बनी जजपा का भी साथ में कार्यकाल देखें तो प्रदेश में जहरीली शराब से होने वाली मौतें रिकॉर्ड बना चुकी हैं। प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी मौत नहीं हुई, जितनी इन 9 साल के अंदर हुई हैं। हर बार सख्ती का दावा करने वाली गठबंधन सरकार की पोल फिर से होने वाली मौत खोल देती हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि शराब के सैंपल की जांच को लेकर प्रदेश सरकार कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसी साल मई महीने से अक्टूबर के बीच आबकारी एवं कराधान विभाग ने अकेले यमुनानगर जिले से 57 सैंपल लेकर पंचकूला लैब में भेजे, लेकिन इनमें से एक की भी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। जहरीली शराब प्रकरण सामने आने के बाद शराब के 190 सैंपल लेने का दावा प्रदेश सरकार कर रही है, जबकि इनमें से एक भी सैंपल 20 से अधिक जान जाने के बाद भी लैब नहीं भेजा जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों में ज्यादातर गरीब व मेहनतकश हैं। इनकी मौत के बाद इनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है। क्योंकि, दिहाड़ी-मजदूरी कर अपने परिवार को पालने वाले जहरीली शराब बनाने और सप्लाई करने वाले माफिया के चंगुल में फंस कर जान गंवा चुका होता है। प्रदेश सरकार की गलती के कारण बेसहारा हुए इनके परिवार की भी सुध ली जानी चाहिए।
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• The government should hand over the investigation to High Court Justice, not SIT: Kumari Selja
• No lesson was learned even though there were more than 40 deaths in the year 2020
• Poor and hardworking people lose the most lives due to poisonous liquor.
Chandigarh, 15 November. General Secretary of All India Congress Committee, former Union Minister, Congress Working Committee member and former Haryana Congress State President Kumari Selja has said that the BJP-JJP coalition government is not serious about the deaths due to poisonous liquor in Yamunanagar and Ambala. That is why a pretence is being made to form an SIT and conduct an investigation. If the state government wants to get to the bottom of the poisonous liquor issue, then it should get the deaths investigated by the Justice of Punjab and Haryana High Court without any delay. Without investigation by a sitting justice, neither the real culprits will be punished nor such incidents will be prevented from happening in future.
In a statement issued to the media, Kumari Selja said that in the year 2020, more than 40 people had lost their lives due to poisonous liquor in Sonipat, Panipat and Faridabad. At that time too, a similar pretense of forming an SIT was created in the name of investigation. After some time, the people of the state forgot so many deaths and now within three years, poisonous liquor has taken the lives of more than 20 people in Yamunanagar and Ambala. The former Union Minister said that if we look at the tenure of BJP after assuming power in the year 2014 and also the tenure of its ally JJP in the year 2019, then the deaths due to poisonous liquor in the state have set a record. There has never been such a large number of deaths in the state as have occurred within these 9 years. Every time the coalition government, which claims to be strict, is exposed to death again.
Kumari Selja said that how serious the state government is regarding the testing of liquor samples can be gauged from the fact that between May and October this year, the Excise and Taxation Department took 57 samples from Yamunanagar district alone and sent them to Panchkula Lab. Sent in, but the investigation report of even one of them has not come yet. After the poisonous liquor incident came to light, the state government claimed to have collected 190 samples of liquor, whereas even one of these samples could not be sent to the lab even after more than 20 samples were taken. The former Union Minister said that most of those who lost their lives after drinking poisonous liquor in the state were poor and hardworking people. After his death, his family faces a crisis of livelihood, because a person who supports his family by working as a daily wage labourer has lost his life after getting trapped in the clutches of the mafia that manufactures and supplies poisonous liquor. Their families, rendered destitute due to the mistake of the state government, should also be taken care of.