Prithvi Raj Singh Oberoi died: ओबेरॉय ग्रुप के मानद चेयरमैन पी.आर.एस. ओबेरॉय का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। पीआरएस को भारत में होटल उद्योग की तस्वीर बदलने का श्रेय जाता है। दिल्ली के कापसहेड़ा में उनका अंतिम संस्कार आज 4 बजे होगा। आइए जानते हैं उनकी शख्सियत के बारे में…
P.R.S. Oberoi, Chairman Emeritus died: ओबेरॉय ग्रुप के मानद चेयरमैन पृथ्वीराज सिंह ओबेरॉय ने मंगलवार को 94 वर्ष में आखिरी सांसे ली। उन्होंने 2022 में ईआईएच लिमिटेड का कार्यकारी अध्यक्ष और ईआईएच एसोसिएटेड होटल्स लिमिटेड का चेयरमैन पद छोड़ दिया था। सुर्खियों से दूर रहने वाले ओबेरॉय को भारत में होटल उद्योग की तस्वीर बदलने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अपने पिता सरदार मोहन सिंह ओबरॉय के साथ मिलकर ओबेरॉय होटल और रिसॉर्ट ब्रांड को लग्जरी के पर्याय के रूप में स्थापित किया। फ़ोर्ब्स के मुताबिक उनकी संपत्ति करीब 3,829 करोड़ रुपए थी।
2008 के आतंकी हमले में तबाह हो गया था होटल
मुंबई में 2008 के आतंकी हमले में ओबरॉय ट्राइडेंट होटल तबाह हो गया था। होटल के रेनोवेशन के लिए पृथ्वीराज सिंह ओबेरॉय दिल्ली से मुंबई पहुंचे। उनकी अगुवाई में जो काम हुआ उसने देश में होटल उद्योग के विस्तार का नया रास्ता खोल दिया। ओबेरॉय भारत को लग्जरी होटलों की दुनिया में शिखर पर ले गए। वह 1988 में ओबरॉय होटल के चेयरमेन बने। इससे पहले होटल ग्रुप की कमान उनके पिता के पास थी। वह पिता के कार्यकाल में ही ग्रुप के लिए अहम फैसले करने लगे थे।
कई देशों में किया होटल प्रबंधन का नेतृत्व
होटलों के आधुनिकीकरण के बावजूद पी.आर.एस. ओबेरॉय भारतीय संस्कृति पर जोर देते थे। वह ‘नमस्कार’ को भारत की पहचान मानते थे। उनके ग्रुप के होटलों में मेहमानों का स्वागत नमस्कार से किया जाता है। उन्हें कई शहरों में लग्जरी होटल खोलकर भारतीय होटल उद्योग को पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कई देशों में होटल प्रबंधन का नेतृत्व भी किया।
2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित
पी.आर.एस. ओबेरॉय को 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इंटरनेशनल लग्जरी ट्रैवल मार्केट ने असाधारण नेतृत्व, दूरदृष्टि और विकास में योगदान के लिए 2012 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा। ओबेरॉय ने 1967 में नई दिल्ली में ओबेरॉय सेंटर ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट की शुरुआत की थी।