अब कोई भी आतंकी मुख्य धारा में लौटने के बाद आतंकी धारा में नहीं मुड़ने पाएगा और न ही मुख्य धारा का बहाना कर सैन्य बलों को चकमा दे पाएगा। जम्मू कश्मीर पुलिस देश में पहली बार आतंकियों को ‘पायल’ पहनाएगी। ‘पायल’ आतंकियों पर न केवल निगरानी रखेगी बल्कि वह कहां जा रहा है। कितनी देर कहां ठहर रहा है और कहां रात बिता रहा है। इसका पूरा रिकार्ड रखेगी। ऐसे में कोई भी जमानत प्राप्त पूर्व आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा नहीं दे पाएगा और न ही आतंकियों के साथ संबंध रख पाएगा।
क्या है ‘पायल’?
‘पायल’ जम्मू कश्मीर पुलिस का ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) ट्रैकर है। इस ट्रैकर के माध्यम से जम्मू कश्मीर पुलिस अब 24 घंटे पूर्व और जमानती आतंकियों पर नजर रखेगी। जम्मू कश्मीर पुलिस पूरे देश में आतंकियों पर नजर रखने वाली पहली पुलिस बन गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन ने कहते है। कि इससे आतंक और तस्करी दोनों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम में तो यह बेहद ही मददगार होगा।
अदालत के आदेश सफल रहा प्रयोग
जम्मू कश्मीर में आतंकी मामले में आरोपी गुलाम मोहम्मद भट पर किया गया ‘पायल’ का प्रयोग सफल रहा। इसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने आदेश दिया था। इसके बाद आरोपी गुलाम मोहम्मद भट को जीपीएस ट्रैकर ‘पायल’ के साथ टैग किया गया। यह पूरे देश में पहला मामला है। भट ट्रैकर चिप चिपकाए जाने वाले पहले आरोपी हैं।
भट पर था एचएम के लिए धन जुटाने का आरोप
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए आरोपी गुलाम मोहम्मद भट पर धन जुटाने का आरोप लगा था। भट पर उधमपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ तो उसे स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत दर्ज मामले में जमानत के लिए आवेदन किया। जम्मू की विशेष एनआईए अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को सही पाया। इसमें भट पर कड़ी नजर बनाए रखने की बात हुई। इसके बाद अदालत ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर ‘पायल’ लगाने का निर्देश दिया।
यहां हो रहा है प्रयोग
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