Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन के बीच 18 महीने से जंग जारी है। अब इस जंग को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 देश एक साथ आए हैं। सऊदी अरब शनिवार और रविवार को जेद्दा में शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पहुंच गए हैं।
सऊदी अरब में भारतीय राजदूत सुहेल खान और महावाणिज्यदूत मोहम्मद शाहिद आलम ने जेद्दा हवाईअड्डे पर अजीत डोभाल का स्वागत किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की इस वार्ता का आयोजन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की पहल पर किया गया है।
भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने अजीत डोभाल की तस्वीर पोस्ट की है। जिसमें लिखा कि एनएसए अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जेद्दा पहुंचे। एयरपोर्ट पर राजदूत डॉ सुहेल खान और महावाणिज्य दूत मोहम्मद शाहिद आलम ने उनका स्वागत किया।
पीएम मोदी ने बताया था जंग रोकने का तरीका
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि शिखर सम्मेलन में भारत हिस्सा ले रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है। इस संकट का रास्ता बातचीत और कूटनीति से निकाला जा सकता है।
रूस-यूक्रेन की जंग को लेकर भारत का हमेशा से मानना रहा है कि इस संघर्ष को बातचीत और कूटनीति से सुलझाया जाना चाहिए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करने के लिए तैयार हैं।
बैठक पर रूस नजर गड़ाए बैठा
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा कि रूस इस बैठक पर नजर रखेगा कि आखिर क्या लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं?
ये देश हो रहे शामिल
जेद्दा शिखर सम्मेलन के लिए 30 देशों को न्योता दिया गया है। इनमें चिली, मिस्र, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, मैक्सिको, पोलैंड, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और जाम्बिया आदि देश शामिल हैं।
जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने कहा कि कई देशों के अधिकारी सऊदी अरब शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान जंग को रोकने के लिए शांति फॉर्मूला पर चर्चा होगी, जिसमें 10 बिंदु शामिल हैं।
24 फरवरी 2022 को रूस ने किया था हमला
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया। इस आक्रमण में दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए हैं। रूसी सेना पर बड़े पैमाने पर नागरिकों को हताहत करने और पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है।