पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की नाव जालंधर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा करने के दौरान झुक गई.
उनके साथ राज्यसभा सदस्य संत बलवीर सिंह सीचेवाल भी थे. ज्यादा लोग सवार होने के कारण नाव जब पानी के बहाव के बीच पहुंची तो अचानक अनियंत्रित हो गई. नाव पानी में इधर-उधर डोलने लगी. संत सीचेवाल ने एकदम से नाव को दोबारा फिर से नियंत्रण में कर लिया. इसी दौरान बाहर एकदम हो-हल्ला मच गया.
पलटने से बची सीएम की बोट
बताया जा रहा है कि मोटर बोट में जरूरत से ज्यादा लोग सवार हो गए थे. जिस वजह से पानी में कुछ दूर चलते ही बोट ने काला धुंआ छोड़ना शुरू कर दिया था. तभी मोटर मोटर बोट हिचकोले खाने लग गई. गनीमत यह रही कि पलटने से बच गए. ये सब दूर से देख रहे प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. बड़ी मुश्किल से मोटर बोट का ड्राइवर उसे दूसरी तरफ ले जाने में सफल रहा. जब जाकर मौके पर मौजूद नेताओं और अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
बोट में सवार थे ज्यादा लोग
सीएम मान जब बोट में सवार हुए तो उसमें क्षमता से ज्यादा लोग सवार हो गए. लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया कि बोट में कितने लोगों को ले जाना चाहिए था. इससे पहले अधिकारियों को ये ध्यान रखना चाहिए था. आमतौर पर जब भी सीएम या किसी बड़े नेता को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लेना होता है तो प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मोटर बोट की पहले से अच्छी तरह चेकिंग की जाती है और देखा जाता है कि उसमें कितने लोगों को ले जाया जा सकता है. लेकिन इसके बावजूद सीएम के साथ इतने ज्यादा लोगों को बोट में चढ़ने से क्यों नहीं रोका गया. इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे है.