हरियाणा में यमुनानगर पुलिस ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) में दो करोड़ से भी ज्यादा के फर्जीवाड़ा मामले में इंजीनियर कुलवंत और लाइनमैन राजबीर सिंह को गिरफ्तार किया है.
आरोप है कि दोनों ने साल 2021-22 में एक फर्म के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार किया. फिर बिजली विभाग को ही करोड़ों का चूना लगा दिया.
इस फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. दोनों को चार दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. डीएसपी अभिलक्ष जोशी ने बताया कि साल 2021 के दिसंबर और 2022 के जनवरी महीने में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में तैनात इंजीनियर कुलवंत सिंह पर बिजली विभाग ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर डिपार्टमेंट में 2 करोड़ से ज्यादा का गबन किया है.
2 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े को दिया अंजाम
शिकायत मिलने के बाद मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई. जांच में पता चला है कि इन लोगों ने एक फर्म के साथ मिलकर 2 करोड़ 1 लाख 28 हजार रुपये की फ्रॉड को अंजाम दिया था. बिजली विभाग के लिए काम करने वाली फर्मों की पेमेंट के लिए जो तरीका होता है, उसमें सबसे पहले बिलों के साथ जरूरी दस्तावेज जमा कराना होता हैं. फिर बिजली विभाग में सबसे पहले एचडीओ विभाग, फिर अकाउंट डिपार्टमेंट और उसके बाद एक्जीक्यूटिव इंजीनियर दस्तावेजों को वेरीफाई करता है.
चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए दोनों आरोपी
लेकिन, इसमें एचडीओ विभाग को बाइपास कर अकाउंट डिपार्टमेंट ने फर्जी तरीके से बिलों को वेरीफाई किया. इस दौरान इंजीनियर के सरकारी फोन में एक ओटीपी आया और इस फ्रॉड को अंजाम दिया गया. दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई और खुलासा होने की संभावना है. पकड़ा गया इंजीनियर कुलवंत सिंह पहले भी पानीपत में हुए पेंशन फ्रॉड मामले में टर्मिनेट हो चुका है.