विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले खालिस्तानी पोस्टर अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं।
हमने यह मुद्दा कनाडा सरकार के समक्ष उठाया है।
अरिंदम बागची ने कहा कि यह मुद्दा अभिव्यक्ति की आजादी का नहीं है, बल्कि हिंसा को भड़काने, अलगाववाद को बढ़ाने और आतंकवाद की वकालत का है। वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादी तत्वों को कोई जगह नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आतंकवादी समर्थकों को जगह नहीं दी जानी चाहिए। हम इस मुद्दे के समाधान के लिए बहुत गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि धमकी भरे खालिस्तानी पोस्टरों के मुद्दे को चार देशों की सरकार ने दृढ़ता से उठाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में अमेरिकी प्रशासन ने तुरंत प्रतिक्रिया दी है और हमारे राजनयिकों को धमकी देने के प्रयासों को आपराधिक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने कनाडा सरकार से भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। अरिंदम बागची ने कहा कि हमने कनाडा सरकार से अपने राजनयिकों की सुरक्षा और कनाडा में हमारे राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने उठाया जाए।
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का कनाडा में भारत विरोधी तत्वों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारे राजनयिक बिना किसी डर और धमकी के अपने कार्य कर सकें, इसके लिए हम कनाडा पर यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालना जारी रखेंगे। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों से जुड़ी तीन बड़ी भारत विरोधी घटनाएं सामने आई हैं।
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