-अभय सिंह चौटाला ने गांववासियों की समस्याओं को सुना और इनेलो की सरकार बनने पर प्रमुखता से सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया
-मुख्यमंत्री ने सरपंचों को चोर और बेईमान कहकर अपमानित करने का काम किया: अभय सिंह चौटाला
-साजिश के तहत पंचायती राज नियम में संशोधन कर सरपंचों की बचीखुची पावर को भी खत्म करने जा रही है भाजपा सरकार: अभय सिंह
कहा – इस फैसले के बाद पंचायतों में विधायकों की पावर बढ़ जाएगी और अब पंचायतें सरकारी ग्रांट अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर सकेंगी, इसके लिए मुख्यालय के आदेशानुसार काम करना पड़ेगा
नरवाना :‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ बुधवार को 126वें दिन जींद जिला के नरवाना के गांव उझाना और बेलरखां, मोहलखेड़ा, गुरथली, हत्थो, सिंसर होते हुए ढाकल गांव पहुंची। बुजुर्गों ने सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और अभय सिंह चौटाला का स्वागत किया। अभय सिंह चौटाला ने भी ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और उनका हालचाल पूछा।
गांववासियों ने अपनी समस्याएं अभय सिंह के सामने रखी और बताया कि भाजपा गठबंधन सरकार में उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है। इनेलो नेता ने भी सभी गांववासियों की समस्याओं को बड़े ध्यान से सुना। सभी को आश्वस्त किया कि भाजपा और जजपा की ठगबंधन सरकार के दिन पूरे हो चुके हैं और अबकी बार इनेलो की सरकार बनेगी। इनेलो की सरकार बनने पर प्रमुखता से सभी समस्याओं का जड़ से समाधान किया जाएगा। जिस तरह से भाजपा गठबंधन सरकार ने हरियाणा में भेदभाव की राजनीति की है उसका अंत होगा और स्वर्गीय जननायक देवीलाल की नीतियों पर चलते हुए हम किसानों, कमेरों, छोटे व्यापारियों, बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं समेत सभी वर्गों का समुचित विकास करेंगे।
इनेलो नेता ने ग्रामीणों का संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने यह वादा किया था कि चुनी हुई पंचायतों में सरपंचों को पहले से ज्यादा ग्रांट और अधिकार देंगे। ग्रांट देने की बजाय सरपंचों पर अंकुश लगा दिया और पाबंदियां लगा दी। सरपंच जब ग्रांट मांगने के लिए चंडीगढ़ गए तो उनकी बात सुनने की बजाय सरपंचों के ऊपर लाठीचार्ज करवाया और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज किए। चोर और बेईमान कह कर मुख्यमंत्री ने सरपंचों को अपमानित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि जो थोड़ी बहुत सरपंचों की पावर बची थी भाजपा गठबंधन सरकार ने उसे भी खत्म करने की साजिश रची है जिसके तहत कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज नियम में संशोधन करने का फैसला भाजपा गठबंधन सरकार ने लिया है। इस फैसले के बाद पंचायतों में विधायकों की पावर बढ़ जाएगी और अब पंचायतें सरकारी ग्रांट अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर सकेंगी इसके लिए मुख्यालय के आदेशानुसार काम करना पड़ेगा।