Rajasthan Politics: भरतपुर में गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, मैंने बीकानेर में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री ट्वीट करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं, हम काम करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने बाजरे की खरीद पर बोलते हुए कहा कि इस बार बाजरा समर्थन मूल्य से ज्यादा बिक रहा है।
इस दौरान सीएम भजनलाल ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर पेपरलीक को लेकर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि युवाओं के सपनों को आपने बर्बाद किया, इधर पेपरलीक होते रहे और आप होटलों में सोते रहे। अब देखो, पेपर लीक कराने वाले गिरफ्तार हो रहे हैं, और ये गिरफ्तारियां रुकने वाली नहीं हैं।
अशोक गहलोत ने किया पलटवार
इन सब आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर लाई गई भीड़ के सामने मुख्यमंत्री जी ने जवाब नहीं दिया कि बाजरे की MSP पर खरीद का वादा कब पूरा किया जाएगा? क्या यह वादा भी जुमला है?
गहलोत ने कहा- पेपर लीक पर बोलने से पहले भाजपा नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। फरवरी, 2025 में नवलगढ़ में एक सेंटर पर RAS प्री परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुले मिलने पर भी कोई जांच नहीं की गई और मामला दबा दिया गया। उसकी जांच क्यों नहीं की? इसी प्रकार 2013 से 2018 की भाजपा सरकार में 13 पेपर लीक हुए। भाजपा सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अभ्यर्थी जब कोर्ट में गए तब जाकर पेपर लीक पर संज्ञान लिया गया। इस कारण यह पेपर लीक माफिया राज्य में पनपता गया।
200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं- गहलोत
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में दर्जनों पेपर लीक हुए। सेना, ज्यूडिशियरी तक में पेपर लीक हुए परन्तु कहीं भी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। हमारी सरकार के दौरान पहली बार SOG ने अभियान चलाकर कार्रवाई की और 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं। सरकार ने गड़बड़ी की आशंका होते ही जांच करवाई एवं आवश्यकता पड़ने पर पेपर रद्द किए। देश में पहली बार पेपर लीक के खिलाफ 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक सजा और 10 करोड़ रुपये तक जुर्माने का कानून बनाया जिससे पेपर लीक पर रोक लगी।
अशोक गहलोत ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर कैबिनेट सब कमेटी ने पेपर रद्द की सिफारिश की। हाईकोर्ट की टिप्पणियों से भी यही ध्वनि निकलती है परन्तु तब भी पेपर लीक का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री जी ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर अभी तक फैसला क्यों नहीं किया है? यह आपकी कथनी और करनी में अंतर है।