Bangladesh military intervention: बांग्लादेश (Bangladesh) में तनाव बढ़ने के कारण सेना के जवानों ने शनिवार को ढाका की सड़कों पर गश्त तेज़ कर दी। नवगठित छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटीजन पार्टी ( NCP) ने सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप (Military intervention) का आरोप लगाया है और विरोध में रैलियां भी कीं। एनसीपी ने यह भी दावा किया कि वह किसी भी कीमत पर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख़ हसीना (Sheikh Hasina) की अवामी लीग को फिर से स्थापित करने की “सैन्य समर्थित साज़िश” विफल करने का दृढ़ संकल्प लिए हुए है, ग़ौरतलब है कि उन्हें सात महीने पहले छात्रों के नेतृत्व में ज़बरदस्त हिंसक विरोध के बाद सत्ता से हटा दिया गया था।
सेना पर समावेशिता के प्रस्ताव पर “राजनीतिक हस्तक्षेप” का आरोप
पिछले महीने प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के व्यापक रूप से स्वीकृत आशीर्वाद के साथ बनाए गए एनसीपी के एक प्रमुख नेता ने सेना पर समावेशिता के प्रस्ताव पर “राजनीतिक हस्तक्षेप” का आरोप लगाया था, जो अवामी लीग को अगले चुनावों में भाग लेने की अनुमति देगा। उन्होंने सेना के दख़ल पर कहा,”जिन लोगों को अपना काम छावनी के अंदर करना चाहिए, उन्हें वहीं रहना चाहिए… ‘क्रांति के बाद के बांग्लादेश’ में कोई हस्तक्षेप नहीं है…।
‘वक़ार या हसनत ! हसनत !! हसनत !!! ‘ नारे लगाए
इधर हसनत के सैकड़ों अनुयाइयों और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने भी सेना प्रमुख जनरल वक़ार उज़ ज़मान के खिलाफ रैलियों में नारे लगाए और ‘वक़ार या हसनत ! हसनत !! हसनत !!!’ नारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने हसीना और उनके “साथियों” को मुकदमे के बाद फांसी पर लटकाने की मांग की। हालांकि, सेना, जिसे अब मजिस्ट्रेट की शक्ति के साथ देशव्यापी कानून और व्यवस्था बनाए रखने का काम सौंपा गया है, उसने विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं किया, लेकिन विशेष रूप से राजधानी में अपनी गहन गश्त जारी रखी।