Siddaramaiah’s Desire For Power: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब कुछ हफ्ते ही बचे हैं। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने हाल ही में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर बड़ी बात कही है।
देश के कई हिस्सों में रविवार को हुई हल्की बारिश से गर्मी में कुछ राहत मिली है। पर कर्नाटक का पारा अभी भी चढ़ा हुआ है। यह मौसमी गर्मी की वजह से नहीं, बल्कि सियासी गर्मी की वजह से है। और यह सियासी गर्मी किसी बारिश से कम नहीं हो सकती। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में कुछ हफ्ते ही बाकी हैं। 10 मई को राज्य में वोट डाले जाएंगे और 13 मई को डाले गए वोटों की गिनती होगी और यह तय होगा कि किस पार्टी की सरकार बनेगी। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नज़दीक आएगी, वैसे-वैसे कर्नाटक में सियासी गर्मी और बढ़ेगी। सियासी गर्मी की एक बड़ी वजह राजनीतिक पार्टियों की आंतरिक कलह भी है।
क्या है आंतरिक कलह?
राज्य में वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी अपने कई विधायकों के टिकट काटकर उन्हें पहले ही नाराज़ कर चुकी है। इनमें से दो बड़े नेता जगदीश शेट्टार (Jagdish Shettar), जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और लक्ष्मण सावदी (Laxman Savdi), जो राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं, दोनों कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम चुके हैं।
बीजेपी की आंतरिक कलह जहाँ साफ दिखती है, वहीं कांग्रेस के साथ मामला कुछ अलग है। पार्टी की आंतरिक कलह साफ नहीं दिखती, पर इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस के भीतर सब कुछ सही है। कांग्रेस राज्य में एक बार फिर सत्ता पाना चाहती है, पर कांग्रेस के भीतर भी घमासान मचा है। यह घमासान है मुख्यमंत्री पद के लिए। पार्टी के राज्य अध्यक्ष डीके शिवकुमार जहाँ खुद को कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी इस दौड़ में पीछे नहीं हट रहे।
सत्ता की लालसा है बरकरार
75 साल के सिद्दारमैया पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि इस बार का विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा। ऐसे में 2013-18 के दौरान कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे सिद्दारमैया के मन में सत्ता की लालसा अभी भी बरकरार है।
हेल्दी कॉम्पटीशन में कोई बुराई नहीं
हाल ही में कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के बारे में बात करते हुए सिद्दारमैया ने कहा, “हेल्दी कॉम्पटीशन में कोई बुराई नहीं है। अगर डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनना चाहते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनना चाहता हूं, तो इसमें भी कोई बुराई नहीं है। कांग्रेस के जीतने पर पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक यह तय करेंगे और पार्टी आलाकमान इस बात का फैसला करेगी कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा।”