Waqf Amendment Bill JPC Meeting: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद की संयुक्त समिति की बैठक शुक्रवार को हुई, जिसमें टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कल्याण बनर्जी ने बैठक को इतनी जल्दबाजी में बुलाने पर सवाल उठाया, जिस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई। इस विवाद के चलते बैठक को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
कल्याण बनर्जी ने समिति की कार्यवाही को बताया तमाशा
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बैठक के समय को बदलने की मांग की, कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। उन्होंने 27 जनवरी को निर्धारित बैठक को 30 या 31 जनवरी तक के लिए टालने की मांग की। हालांकि, बीजेपी सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना की और कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है।
विपक्ष ने गणतंत्र दिवस के बाद बैठक की मांग की है। लोकसभा में DMK के मुख्य सचेतक ए राजा ने 24 और 25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने जगदंबिका पाल को लिखे पत्र में कहा कि जेपीसी के दौरे 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे, और अजीब बात यह है कि अगली बैठक की तारीखें बिना किसी योजना के जल्दी घोषित की गईं।
सूत्रों के मुताबिक, विवाद बढ़ने के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए समिति से सस्पेंड कर दिया गया है। बैठक अब 27 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। इस बीच, कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक भी वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए समिति के समक्ष पेश होंगे। भाजपा नेता जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में गठित इस संयुक्त समिति ने विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों के बाद मसौदा कानून पर चर्चा को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। समिति सोमवार को विधेयक पर विस्तार से विचार करेगी।
जगदंबिका पाल ने बताई पूरी बात
जेपीसी की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने बताया कि समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनेगी। मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों के बीच बहस हुई, जिसमें विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को जल्दी संसद में पेश करने का दबाव बना रही है। बैठक में बहस और हंगामे के चलते कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए बैठक से सस्पेंड कर दिया गया। जगदंबिका पाल ने कहा कि जेपीसी की आखिरी बैठक 24 जनवरी को होगी, और इसके बाद 31 जनवरी को बजट सत्र के दौरान रिपोर्ट पेश की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने में दिल्ली में 34 बैठकें हो चुकी हैं और सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं।
फ्रांसिस जॉर्ज ने मारी पलटी
वहीं, यूडीएफ सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के समर्थन की घोषणा के बाद अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका रुख यूडीएफ और कांग्रेस के समान है, जिन्होंने वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया था।
बजट सत्र के दौरान पेश होगी रिपोर्ट
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए वक्फ एक्ट 1995 की आलोचना की जाती रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जबकि केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सुधार लाना है। जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी, और अब तक 34 बैठकें हो चुकी हैं। विधेयक में 44 संशोधनों पर चर्चा होनी है।