पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सिर्फ सत्ता का सुख भोगने में मशगूल है। उसे जनता और विकास कार्यों से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि डी-प्लान के तहत विकास कार्यों के लिए मिली 90% से ज्यादा राशि सरकार ने खर्च ही नहीं की। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए राज्य योजना विभाग द्वारा 400 करोड रुपए की राशि जारी की गई थी। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसमें से मात्र 9.20% राशि ही खर्च हुई।
महेंद्रगढ़, रोहतक और झज्जर जैसे जिलों में तो सरकार द्वारा एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। सिरसा में कुल खर्च राशि का सिर्फ 0.66 फीसदी और हिसार में मात्र 1.57 फ़ीसदी ही खर्च हुआ। कुल मिलाकर सरकार ने 400 करोड़ रुपए में से मात्र 36 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं और 90 फ़ीसदी राशि लैप्स होने की कगार पर है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तमाम सरकारी रिपोर्ट और जनता की शिकायतें बताती हैं कि प्रदेश के सैंकड़ों सरकारी स्कूलों में चारदिवारी, शौचालय और पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। स्कूलों, अस्पतालों, सामुदायिक केंद्रों के भवन जर्जर हालत में हैं। खेल के मैदान और सार्वजनिक पार्क गंदगी और बदहाली के शिकार हैं। अलग-अलग शहरों में कई कालोनियां वाटर सप्लाई से वंचित हैं। सीवरेज व्यवस्था इस कद्र चरमराई हुई है, जिसके चलते छोटी-सी बारिश में भी शहरों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। अगर बीजेपी चाहती तो डी-प्लान की राशि से इन तमाम समस्याओं को दूर करने का कार्य किया जा सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।