सत्ता संभालने से पहले ही इज़रायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच सीज़फायर करा देने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस में वापसी हो गई है। उधर ट्रंप के सत्ता संभालते ही रूस और यूक्रेन दोनों की ओर से शांति वार्ता के लिए इच्छा जाहिर की गई है। ट्रंप की ओर से भी यूक्रेन (Ukraine) में शांति के सिलसिले में बयान जारी किया गया है। ट्रंप ने अपने अंदाज में रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को भी चेतावनी दे दी है। ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में शांति समझौता करने से मना करके पुतिन रूस को ‘तबाह’ कर रहे हैं।
दूसरी ओर ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) पर भी दबाव बनाने के लिए यूक्रेन समेत सभी देशों के लिए तीन महीने तक अमेरिकी मदद पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ ज़ेलेन्स्की ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर ट्रंप को बधाई देते हुए कहा है कि यूक्रेन, अमेरिका (United States Of America) के साथ सच्ची शांति के लिए काम करने को तैयार है। हालांकि ट्रंप की तरफ से उन्हें झटका मिल गया है, जिससे अब यूक्रेन को भारत (India) से ही आस है।
शांति के लिए भारत निभा सकता है अहम भूमिका
ट्रंप की ओर से शपथ समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिलने से निराश ज़ेलेन्स्की की टीम अब रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में मध्यस्थता के लिए भारत से उम्मीद जता रही है। ट्रंप के शपथ समारोह के बीच सोमवार को ही यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के अध्यक्ष एंद्रिय येरमाक ने ऑनलाइन भारत के पत्रकारों से प्रेस वार्ता की। वार्ता के दौरान येरमाक ने कहा, “भारत न केवल क्षेत्रीय बल्कि एक वैश्विक शक्ति भी है और वो न केवल युद्ध विराम कराने में, बल्कि शांति कराने में अहम भूमिका निभा सकता है। पिछले दो सालों में हमने भारत के साथ शांति फार्म्यूले पर काफी चर्चा की है और हम वार्ता के ज़रिए शांति के भारतीय पक्ष से परिचित हैं।”