Arvind Kejriwal: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बीच सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ गई हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाला मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल से ईडी ने पांच दिसंबर को यह मंजूरी मांगी थी। इस दौरान ईडी ने उपराज्यपाल को बताया था कि ईडी को दिल्ली में शराब नीति बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार का पता चला है। एजेंसी ने इसी साल 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट यानी अभियोजन शिकायत में भी इसका उल्लेख किया था। कोर्ट ने 9 जुलाई को मामले का संज्ञान लिया था।
अरविंद केजरीवाल पर 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप
ED ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उपराज्यपाल से केस चलाने की अनुमति मांगी थी। ईडी ने अभियोजन शिकायत में बताया है “केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। इसके बाद ‘टेलर-मेड’ शराब नीति तैयार कर उसे लागू किया और निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया है। इतना ही नहीं, ‘साउथ ग्रुप’ के लिए अलग-अलग शराब की दुकानों में हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की गई और उसे आबकारी नीति 2021-22 के उद्देश्यों के खिलाफ कई रीटेल जोन रखने की इजाजत दी गई।”
अरविंद केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये इस्तेमाल किए
ईडी ने अपनी शिकायत में ये आरोप भी लगाया है कि आपराधिक षडयंत्र के तहत हुई इनकम से 45 करोड़ रुपये अरविंद केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से गोवा चुनावों में पार्टी के प्रचार में इस्तेमाल किए गए हैं। ईडी ने ‘आप’ को अपराध की आय की ‘मुख्य लाभार्थी’ बताया है। ईडी ने आगे कहा है “चूंकि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राजनीति मामलों की समिति के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। इसलिए गोवा चुनावों में अपराधिक षडयंत्र के तहत हुई इनकम से खर्च किए गए धन के लिए जिम्मेदार भी हैं।”
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दो तरह से बनाया आरोपी
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली की शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल को दो तरह से आरोपी बनाया गया है। इसमें उनपर एक मुकदमा बतौर मुख्यमंत्री अपने पद का दुरुपयोग कर कुछ लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए नीति बनाने के आरोप में चल रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है। जबकि दूसरा मुकदमा आप के मुखिया होने के नाते चलेगा। इसकी उपराज्यपाल ने इजाजत दे दी है।
आम आदमी पार्टी ने रखा अपना पक्ष
अरविंद केजरीवाल पर ईडी को मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने के मामले पर आम आदमी पार्टी ने अपना पक्ष रखा है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि 250 से अधिक छापे मारे गए, लेकिन ईडी को एक भी पैसा नहीं मिला। ‘आप’ का कहना है कि भाजपा सिर्फ अरविंद केजरीवाल को कुचलना चाहती है।
इसके तहत ही तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो साल तक चलाई गई। इस दौरान 500 लोगों को परेशान किया गया। ईडी ने कोर्ट में 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए। इसमें विभिन्न अदालती आदेशों द्वारा कई तरह की कमियां भी उजागर की गईं। इसके बाद भी भाजपा किसी भी प्रकार से अरविंद केजरीवाल को कुचलने का प्रयास कर रही है।
सीएम आतिशी ने भाजपा पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप
दूसरी ओर दिल्ली की सीएम आतिशी ने उपराज्यपाल से ईडी को मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने को झूठ बताया है। आतिशी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ पर लिखा “अगर एलजी साहब ने अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ED को मंजूरी की कॉपी सार्वजनिक करने में क्या दिक्कत है? ये खबर सिर्फ लोगों को गुमराह करने, मुद्दों से भटकाने के लिए फैलाई जा रही है। भाजपा ये साजिशें बंद करो। सच सामने लाओ।”