मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता में वीरवार को चंडीगढ़ में विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रशानिक सचिवों के साथ हुई एक समीक्षा बैठक में सरकार के 40 प्रमुख संकल्पों, 8 अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास और 100 दिन के विस्तृत एजेंडा पर चर्चा की गई। इसके अलावा, प्रदेश में चल रही 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।बैठक में बताया गया कि सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर जिन आठ अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं को उद्घाटन के लिए चिन्हित किया गया है उनमें कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक, पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कुटैल (करनाल), पंडित नेकी राम शर्मा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, भिवानी, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जींद, दिल्ली-अमृतसर-कटरा परियोजना, ग्राम सूचना प्रौद्योगिकी के लिए भारत-नेट परियोजना की सेवाओं का विस्तार शामिल है। इसी प्रकार, जिला सिविल अस्पताल, गुरुग्राम तथा करनाल-यमुनानगर रेल लाइन परियोजना शिलान्यास के लिए चिन्हित की गई है।मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने निर्देश दिए कि सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रशासनिक सचिव अपने-अपने विभागों से जुड़ी परियोजना की समीक्षा करें, उनके पूरा होने की समय-सीमा निर्धारित करें और ऐसे संकल्पों व कार्यों की सूची भी बनाई जाए जो या तो पूरे हो चुके हैं या फिर आगामी 100 दिन में पूरे हो सकते हैं। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने बताया कि प्रदेश में शीघ्र ही विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान पार्कों, स्कूल-कालेजों, सरकारी कार्यालयों, बस अड्डों और बाजारों आदि सार्वजनिक स्थानों पर चलाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने सभी विभागों में ई-ऑफिस शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष के स्तर पर फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से भेजी जा सकती हैं। साथ ही, राज्य सरकार के मंत्रियों के स्टाफ को यदि इसके लिए किसी प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलवाया जाए। मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने निर्देश दिए कि 50 वर्ष से ऊपर के कर्मचारियों की कम्पलसरी रिटायरमेंट के मामलों में पहले इनकी समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के बोर्डों और निगमों में भी ऐसे मामलों के लिए समीक्षा कमेटी बनाई जाए। साथ ही, वहां एक अपीलेट कमेटी का भी गठन किया जाना चाहिए।कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट से जुड़े मामलों पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों का निपटारा प्राथमिकता आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक लिटिगेशन पॉलिसी बनाई जा रही है, जो जल्द ही तैयार हो जाएगी। इस नीति के बनने से कर्मचारियों से जुड़े मामलों में उल्लेखनीय कमी आएगी।