One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव प्रणाली लागू करने के लिए सोमवार को लोकसभा में जरूरी विधेयक पेश किए जाएंगे। लोकसभा की सोमवार की कार्यसूची के अनुसार कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने के लिए 129वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करेंगे। साथ ही विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और पुड्डुचेरी में एक साथ चुनाव के लिए संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पेश करेंगे।
माना जा रहा है कि संविधान संशोधन विधेयक को सदन में पेश किए जाने के बाद व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपा जा सकता है। संसद से विधेयक पारित होने व राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद नई व्यवस्था तब से लागू होगी जब केंद्र सरकार इसे आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा तय करेगी।
ये होंगे संशोधन और व्यवस्था
1.एक साथ चुनाव:
संविधान में अनुच्छेद 82ए(1 से 7) जोड़ा जाएगा जिसके तहत लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव हो सकेंगे। राष्ट्रपति आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को सार्वजनिक अधिसूचना जारी कर इस अनुच्छेद के प्रावधानों को लागू करेंगे। अधिसूचना की तारीख को नियत तिथि कहा जाएगा।
—नियत तिथि के बाद सभी मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति पर खत्म होगा।
—लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव आयोग लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए ‘एक साथ’ आम चुनाव कराएगा।
—यदि चुनाव आयोग की राय हो कि किसी विधानसभा के चुनाव एक साथ नहीं हो सकते तो वह बाद की तारीख में कराए जा सकते हैं।
—यदि विधानसभा का कार्यकाल स्थगित भी कर दिया जाता है तो उसका पूर्ण कार्यकाल लोकसभा के साथ ही होगा।
2.मध्यावधि चुनाव:
अनुच्छेद 83 में खंड 3 से 7 जोड़ा जाएगा। इसमें कहा गया है कि जब लोकसभा 5 वर्ष की पूर्ण अवधि से पहले भंग हो जाती है, तो चुनाव बाद नई लोकसभा का गठन शेष अवधि के लिए ही होगा।
3.राज्यों में मध्यावधि चुनाव:
अनुच्छेद 172 में धाराएं जोड़कर व्यवस्था की जाएगी कि विधानसभा 5 साल से पहले भंग होती हैं तो चुनाव बाद नई विधानसभा शेष अवधि के लिए ही गठित होंगी।