अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए विपक्ष को कोई मुद्दा उठाने देना नहीं चाहती, विपक्ष का काम जनता की आवाज को उठाना होता है पर सरकार विपक्ष से ये अधिकारी भी छीनना चाहती है, अगर यह अधिकार भी छीन लिया गया तो दोनों सदनों में जनता की आवाज कौन उठाएगा। केंद्र सरकार न तो अडानी, न मणिपुर और न ही संभल पर चर्चा करना चाहती है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस दोनों सदनों में किसानों की समस्याओं को उठाना चाहती है पर सरकार किसी भी समस्या का समाधान करना नहीं चाहती, सरकार ध्यान बांटने के लिए हर बात पर कांग्रेस को ही दोषी ठहराना शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से कब तक भागती रहेगी, एक न एक दिन जनता उससे हिसाब जरूर मांगेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही जनता की आवाज को सदन में उठाना होता है, अगर सरकार कोई जनविरोधी फैसला लेती है तो उसे सचेत करना होता है, अगर विपक्ष से जनता की आवाज उठाने का अधिकार ही छीन लिया तो फिर जनता की आवाज कौन उठाएगा। विपक्ष की आवाज का दबाना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। सरकार चाहे कितनी भी तानाशाह बन जाए पर कांग्रेस जनता की आवाज उठाना बंद नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा का एक सूत्रीय कार्यक्रम है कि राहुल गांधी को हर समय टारगेट पर रखना ही है, सरकार ऐसा अपनी नाकामी छिपाने के लिए कर रही है क्योंकि सरकार जानती है कि राहुल गांधी प्रमुखता से हर मुद्दा उठाते है, सरकार अपनी जान बचाने के लिए ही संसद को चलने देना नहीं चाहती। आज भी भाजपा ने संसद को नहीं चलने दिया। सरकार जानबूझकर संसद को बाधित कर रही है। विपक्ष सदन को चलाने के राजी था पर सरकार ने विपक्ष की एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि सरकार अडानी, मणिपुर और संभल पर चर्चा से भाग रही है, सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह सदन में हर गंभीर मुद्दों पर चर्चा करेें और विपक्ष जो जवाब चाहता है उसे सदन में रखा जाए ताकि देश को भी पता चल सके कि सदन का किन किन मुद्दों पर क्या रूख है।