Yogi Government Action: प्रयागराज में पौधारोपण में मिले घोटाले के बाद वन विभाग ने प्रदेश भर में पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच का निर्णय लिया है। रैंडम कंप्यूटर चयन के जरिए जांच स्थल तय किए जाएंगे। अधिकारियों और थर्ड पार्टी ऑडिट टीम की निगरानी में पिछले वर्षों में हुए पौधारोपण कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
पौधरोपण में घोटाले से सख्त हुआ वन विभाग
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोरांव रेंज के पौधारोपण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर होने के बाद वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग ने पूरे प्रदेश में पिछले वर्षों में किए गए पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच का निर्णय लिया है। यह कदम पौधारोपण कार्यक्रमों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रैंडम तरीके से होगा स्थलों का चयन
वन विभाग द्वारा जांच स्थलों का चयन पूरी तरह रैंडम तरीके से किया जाएगा। इसके लिए कंप्यूटर आधारित प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, ताकि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की पक्षपात की गुंजाइश न रहे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि जांच में पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की जवाबदेही तय की जा सके।
थर्ड पार्टी ऑडिट के निर्देश
पौधारोपण कार्यों में अनियमितताओं को रोकने और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट भी अनिवार्य किया गया है। थर्ड पार्टी ऑडिट सुनिश्चित करेगा कि पौधारोपण से जुड़े सभी दावों की सत्यता की जांच हो और इस प्रक्रिया में बाहरी एजेंसियों की निष्पक्षता का लाभ मिले।
प्रयागराज की सोरांव रेंज में अनियमितताएं
प्रयागराज की सोरांव रेंज में 6 हेक्टेयर क्षेत्र में 15,000 पौधे लगाने का दावा किया गया था। हालांकि, जांच में पाया गया कि यह दावा कागजों तक ही सीमित था। वास्तविकता में पौधे लगाए ही नहीं गए थे। इस घोटाले ने विभाग को पूरे प्रदेश में पौधारोपण कार्यक्रमों की व्यापक जांच के लिए प्रेरित किया है।