Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में हालिया हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस घटना को सत्ता की भूख की उपज बताते हुए कहा कि आम जनता को इस राजनीतिक लड़ाई में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि संभल हिंसा ने यह साफ कर दिया है कि यह सत्ता की भूख की लड़ाई है। राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए जनता को झोंक रहे हैं। आम आदमी की सुरक्षा और अधिकार अब कहीं नजर नहीं आ रहे।
जनता के लिए सवाल, सरकार के लिए चुनौती
अखिलेश ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंसा और तनाव के बढ़ते मामलों ने सरकार की नाकामी को उजागर कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे हालात पैदा कर रही है। अखिलेश ने कहा कि संभल जैसी घटनाएं सरकार की असफलता का प्रमाण हैं। जब जनता अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाती है तो उसे दबाने के लिए पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया जाता है।
संभल हिंसा, एक नजर
संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक मस्जिद के जांच के बाद भड़की हिंसा ने चार लोगों की जान ले ली और दर्जनों घायल हो गए। इस घटना ने न केवल क्षेत्र में तनाव बढ़ाया। बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी। अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी से काम करना चाहिए।
जनता का विश्वास टूट रहा
अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा सरकार केवल अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगी है और जनता के वास्तविक मुद्दों से भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ रही है कि ये सरकार केवल सत्ता के लिए लड़ रही है। उनके जीवन और अधिकारों की कोई चिंता नहीं है।
समाजवादी पार्टी की अपील
अखिलेश यादव ने सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील की और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी और ऐसे मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह बनाएगी। संभल हिंसा को लेकर अखिलेश यादव का बयान न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है। बल्कि जनता को भी सतर्क रहने का संदेश देता है। यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि सत्ता की भूख ने जनता के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को कैसे दांव पर लगा दिया है।