IAS Ashok Khemka News: हरियाणा कैडर में साल 1991 बैच के आईएएस अशोक खेमका का मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग से परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर ट्रांसफर हुआ है। खेमका 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी नवदीप व्रिक का स्थान लेंगे। करीब एक दशक के बाद खेमका की परिवहन विभाग में वापसी हुई है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में सबसे ईमानदार व सबसे ज्यादा ट्रांसफर झेलने वाले आईएएस अधिकारियों में से एक अशोक खेमका का फिर ट्रांसफर हुआ है। हरियाणा कैडर में साल 1991 बैच के आईएएस अशोक खेमका को मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग से परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने अपने 33 साल के करियर में 57 जगह पोस्टिंग पाई। इस दौरान खेमका ने ईमानदार आईएएस के रूप में मिसाल पेश की है। अशोक खेमका 30 अप्रैल, 2025 को रिटायर हो रहे हैं। खेमका की सेवानिवृत्ति से ठीक पाँच महीने पहले महत्वपूर्ण विभाग में पोस्टिंग हुई है। अब परिवहन विभाग में वे 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी नवदीप व्रिक का स्थान लेंगे। करीब एक दशक के बाद खेमका की परिवहन विभाग में वापसी हुई है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद फिर से भाजपा सरकार बनी है। वरिष्ठ नेता अनिल विज को परिवहन मंत्री बनाया गया है। हाल ही कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सरकार को पत्रकर कहा था कि IAS अधिकारी अशोक खेमका को उनके विभाग में लगाया जाए। अब हरियाणा सरकार ने खेमका को परिवहन विभाग में नियुक्त कर दिया है। जिस पर परिवहन मंत्री अनिल विज ने खुशी जाहिर की। इससे पहले, खेमका मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान परिवहन आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। उनका कार्यकाल अल्पकालिक था, जो केवल चार महीने तक चला। उस दौरान, उन्होंने बड़े आकार के ट्रकों और ट्रेलरों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण जनवरी में ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी। बाद में राज्य सरकार ने ट्रक चालकों को केन्द्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 के अनुसार अपने वाहनों को संशोधित करने के लिए एक वर्ष का समय देकर हड़ताल का समाधान किया। उस समय परिवहन क्षेत्र में भ्रष्टाचार से निपटने के अपने प्रयासों को याद करते हुए, खेमका ने गंभीर सीमाओं और निहित स्वार्थों का सामना करने के बारे में ट्वीट किया।
आईएएस अशोक खेमका के तबादले
आईएएस अशोक खेमका के करियर में अक्सर तबादले होते रहे हैं, अक्सर ऐसे विभागों में जिन्हें कम महत्वपूर्ण माना जाता है। अपने करियर के दौरान औसतन हर छह महीने में उनका तबादला होता रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, वे भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। 2012 में खेमका ने राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े गुरुग्राम भूमि सौदे का म्यूटेशन रद्द कर दिया। म्यूटेशन भूमि स्वामित्व हस्तांतरण का एक हिस्सा है।
अशोक खेमका की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम
पिछले साल खेमका ने मुख्यमंत्री खट्टर को पत्र लिखकर विजिलेंस ब्यूरो का नेतृत्व करने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे भ्रष्टाचार के खिलाफ असली जंग छेड़ने के लिए तैयार हैं। 23 जनवरी, 2023 को लिखे अपने पत्र में उन्होंने अधिकारियों के बीच काम के असमान वितरण जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।