Delhi Election AAP: दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अब सियासी माहौल और गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। इससे पहले पार्टी गठबंधन की संभावना पर विचार कर रही थी, लेकिन अब उसने इस पर पूर्ण विराम लगा दिया है। आम आदमी पार्टी के इस फैसले से दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है, जिसमें पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।
अरविंद केजरीवाल का बयान: दिल्ली चुनाव में गठबंधन नहीं होगा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था को लेकर उठाए गए मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मैंने उम्मीद जताई थी कि अमित शाह इस मुद्दे पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन इसके बजाय, मुझे अपनी पदयात्रा के दौरान हमले का सामना करना पड़ा। मुझ पर तरल पदार्थ फेंका गया, जो हानिरहित था, लेकिन यह हानिकारक भी हो सकता था।”
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अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, “कल हमारे एक विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। जिस अपराध का आरोप उन पर (नरेश बाल्यान) है, वह यह है कि वह गैंगस्टरों का शिकार बने थे। उन्हें एक साल पहले गैंगस्टरों से फिरौती और धमकियों के कॉल आए थे। उन्होंने कई बार शिकायत भी की थी।”
इसके अलावा, केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं होगा। “दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा,” केजरीवाल ने कहा। यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल को और गर्म कर सकता है, जहां आम आदमी पार्टी अब अकेले चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है।
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दिल्ली की सभी सीटों पर लड़ेगी आप
आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ अपने सभी 70 उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। इस चुनावी फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील हो जाएगा। AAP के इस फैसले को लेकर पार्टी के नेताओं का कहना है कि दिल्ली के लोग अब पूरी तरह से AAP की नीतियों और कामकाजी शैली को समझ चुके हैं, इसलिए पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में है। आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना पर बात करें, तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन सहमति नहीं बन पाई और दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक का गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह गठबंधन लागू नहीं होगा।
2019 लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन की चर्चा थी। हालांकि, उस समय बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि आप दिल्ली और हरियाणा में अपने खाता भी नहीं खोल पाई थी।
भाजपा ने शुरू किया जनसम्पर्क
इस बीच, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का सामना बीजेपी और कांग्रेस से होगा। बीजेपी ने दिल्ली में अपनी सियासी जड़ें मजबूत करने के लिए अभी से जनता से संपर्क करना शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस भी अपने पुराने जनाधार को वापस लाने के लिए रणनीति बनाने में लगी हुई है। ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना मजबूत हो गई है। आम आदमी पार्टी की यह रणनीति उसके समर्थकों को और भी उत्साहित कर सकती है, क्योंकि पार्टी अब अपनी नीतियों और योजनाओं को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। वहीं, विपक्षी दल भी इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।