बांग्लादेश (Bangladesh) से शेख हसीना के जाने के बाद से ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए और उसके बाद मुहम्मद यूनुस के देश का अंतरिम लीडर बनने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। न सिर्फ हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े, बल्कि उनसे लूटपाट, उनके घरों-दुकानों में तोड़फोड़, मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले भी सामने आने लगे। पिछले कुछ महीने से बांग्लादेश में इस्कॉन (ISKCON) को भी बैन करने की मांग उठाई जा रही है। बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू पुजारी (Hindu Priest) चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी (Chinmoy Krishna Das Brahmachari) की बिना किसी गलती के गिरफ्तारी के बाद देश में तनाव काफी बढ़ गया है। इसी बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाईकोर्ट में इस्कॉन (ISKCON) को एक ‘धार्मिक कट्टरपंथी’ समूह कहते हुए बैन लगाने की मांग उठाई है। हालांकि बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन नहीं लगेगा।
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
ढाका हाईकोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने की याचिका को आज खारिज कर दिया है। सरकारी वकील ने इस्कॉन पर बैन लगाने को ज़रूरी बताया, लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने सरकार से कही यह बात..
हाईकोर्ट ने न सिर्फ बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने की याचिका को खारिज किया, बल्कि सरकार से एक बड़ी बात भी कही। हाईकोर्ट ने बांग्लादेश सरकार (अंतरिम) से पूरे देश में रह रहे हिंदुओं के जीवन, संपत्ति की रक्षा के लिए कानून व्यवस्था की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।