Sharad Pawar Last Election: अपने रिटायरमेंट को हर कोई यादगार बनाना चाहता है, मगर इस मामले में शरद पवार की किस्मत शायद अच्छी नहीं है। इसकी एक बानगी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 है, जो संभवतया शरद पवार का आखिरी चुनाव हो सकता है। आखिरी चुनाव शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में शरद पवार की राकांपा को तगड़ा झटका लगा है। शरद पवार की सक्सेस रेट 11.49 प्रतिशत रही है, जो सभी 6 प्रमुख पार्टियों में सबसे कम है। एनसीपी (शरद पवार) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में 87 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, उनमें से सिर्फ 10 ही प्रत्याशी जीत पाए हैं।
भविष्य में नहीं लडूंगा चुनाव-शरद पवार
शरद पवार 84 साल के हो चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में प्रचार के दौरान बारामती में शरद पवार ने अपने सियासी रिटायरमेंट का संकेत दिया था। कहा कि ‘भविष्य में चुनाव नहीं लडूंगा। 14 बार चुनाव लड़ चुका हूं। समाज के लिए काम करना चाहता हूं।’ शरद पवार के इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2029 में भी शरद पवार सक्रिय होते हैं तो उनकी उम्र 89 साल हो जाएगी तब सियासी मैदान संभालना मुश्किल होगा।
चाचा से आगे निकले भतीजे अजित पवार
शरद पवार ने 1958 में कांग्रेस सियासी पारी शुरू की थी। उसके बाद 14 बार चुनाव लड़े। चार बार महाराष्ट्र के सीएम व छह बार सांसद रहे। छह दशक तक महाराष्ट्र की सियासत शरद पवार के ईद-गिर्द घूमती रही। शरद पवार की छत्रछाया में उनके भतीजे अजित पवार ने सियासी दांव-पेच सीखे और महाराष्ट्र चुनाव 2024 में प्रदर्शन के मामले में चाचा से भी आगे निकल गए। भतीजे अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का स्ट्राइक रेट 78.85 प्रतिशत रहा है। अजित एनसीपी ने 52 सीटों पर चुनाव लड़ा था, 41 पर जीत दर्ज की।
शरद पवार का जीवन परिचय (Sharad Pawar Biography)
शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को महाराष्ट्र के बारामती में हुआ। इनका पूरा नाम शरदचंद्र गोविंदराव पवार है। शरद पवार की शादी साल 1967 में प्रतिभा पवार से हुई। इनकी बेटी का नाम सुप्रीया सुले है। साल 1958 में यूथ कांग्रेस ज्वाइन की। पुणे जिले के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बने। साल 1964 में इन्हें महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस का सचिव बनाया गया। शरद पवार बारामती से साल 1967 में महज 27 साल की उम्र में पहली बार कांग्रेस विधायक बने। फिर बारामती विधानसभा चुनाव 1972, 1978, 1980, 1985, 1990 में जीत दर्ज की।